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वाहन का आखिरी नंबर चार या पांच तो अब आपकी आ चुकी बारी, इस तरह बनवा सकते हैं हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट

नंबर प्लेट का अंतिम अंक शून्य से तीन पहले वालों के लिए पहले से अनिवार्य। छह से नौ अंक वालों के लिए भी अनिवार्यता लेकिन फिलहाल है राहत। निर्माणदायी संस्था हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट का निर्माण करती है। वाहन कंपनियों ने इसके लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित कर रखा है।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2022 12:21 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2022 12:21 PM (IST)
वाहन का आखिरी नंबर चार या पांच तो अब आपकी आ चुकी बारी, इस तरह बनवा सकते हैं हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
आगरा में अब रजिस्ट्रेशन नंबर में चार या पांच नंबर वाले वाहनाें को नयी नंबर प्लेट बनवानी होगी।

आगरा, अम्बुज उपाध्याय। निजी वाहन के पंजीकृत नंबर के अंत में शून्य से तीन अंक वालों के लिए हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य हो चुकी है। शासन ने फरवरी और मई तक तिथियां बढ़ाकर राहत दी, लेकिन अब ये वाहन सड़कों पर बिना हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट के दिखे तो जुर्माना वसूला जाएगा।

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वहीं 15 अगस्त से नंबर प्लेट का अंतिम अंक चार और पांच वालों के लिए अनिवार्यता होने जा रही है। निर्धारित तिथियों के बाद ये वाहन सड़क पर बिना हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट के चलते हैं, तो उन पर जुर्माने की कार्रवाई परिवहन विभाग का प्रवर्तन दल करेगा। वहीं वाहन के पंजीकृत नंबर के अंतिम अंक के अनुसार फरवरी 2023 तक की तिथियां निर्धारित की गई है।

जिले में पंजीकृत 11 लाख वाहनों में से अभी तक 52 फीसद ने ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाई है। शासन ने गत वर्ष हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए अनिवार्यता की थी, लेकिन नई प्लेट की उपलब्धता में आ रही मुश्किल के कारण अतिरिक्त समय दिया गया था।

वहीं व्यावसायिक वाहनों के लिए 30 सितंबर तो पंजीकृत नंबर का अंतिम अंक शून्य और एक वाले वाहनों की हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट बनवाने की अंतिम तिथि 15 नवंबर थी, जबकि 15 फरवरी तक दो एवं तीन अंक वालों को अवसर दिया गया था।

शासन ने तिथियों में परिवर्तन कर शून्य और एक अंक वालों को 15 फरवरी, दो और तीन अंक वालों को 15 मई तक अवसर दिया गया था। वहीं चार और पांच अंक वालों वाहनों पर 15 अगस्त तक का समय है, इसके बाद प्रवर्तन कार्रवाई होगी, जिसमें पांच हजार रुपये जुर्माना देना होगा।

प्लेट पर लगे होलोग्राम में दर्ज होता है डाटा

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर वाहन के नंबर के साथ ही प्लेट का नंबर दर्ज होता है। साथ ही एक होलोग्राम लगा होता है, जिसमें इंजन, चेसिस नंबर दर्ज होता है। इसको रीड कर वाहन की समस्त डिटेल जानी जा सकती है।

स्नैप-आन लाक बनाते वाहन को सुरक्षित

हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट में साधारण बोल्ट की जगह पर स्नैप-आन लाक लगा होता है। इसको पेचकस, प्लास से खोला नहीं जा सकता। अगर कोशिश की जाती है, तो प्लेट टूट जाती है। ऐसे में वाहन चोरी होने या नंबर प्लेट बदल अपराध करने वालों पर लगाम लगेगी। दोबारा लगवाने के लिए वाहन संबंधी सभी कागज उपलब्ध कराने होंगे।

ऐसे कर सकते हैं आवेदन

वाहन स्वामी निर्धारित वेबसाइट पर जाकर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। भुगतान करने और वाहन कंपनी के डीलर को चुनने की स्वतंत्रता भी उपलब्ध है। आवेदन के 15 से 20 दिन के अंदर प्लेट तैयार हो जाती है, जिसे संबंधित डीलर से लगवा सकते हैं।

कंपनियों का है अलग-अलग शुल्क

निर्माणदायी संस्था हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट का निर्माण करती है। संस्था ने डीलर नियुक्त कर रखे हैं। वहीं वाहन कंपनियों ने इसके लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित कर रखा है। दोपहिया वाहनों के लिए ये शुल्क 367 से 428 रुपये तक निर्धारित है। वहीं चार पहिया वाहनों के लिए 670 से 815 रुपये तक निर्धारित हैं।

वाहन की सुरक्षा के लिए हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी चाहिए। इससे अपराध पर भी नियंत्रण होगा। तिथियां निर्धारित हैं, जिसके बाद प्रवर्तन दल कार्रवाई करेगा।

प्रमोद कुमार, आरटीओ प्रशासन 


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