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काश, पीएम से होती बात तो हमें भी मिल जाती किस्त

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना कई लाभार्थियों को एक साल से नहीं मिली है किस्त अब तक 9200 लाभार्थियों को मिल सके हैं ढाई लाख रुपये

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 05:05 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 05:05 AM (IST)
काश, पीएम से होती बात तो हमें भी मिल जाती किस्त
काश, पीएम से होती बात तो हमें भी मिल जाती किस्त

आगरा, जागरण संवाददाता।

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ताजगंज निवासी प्रमिला देवी ने एक साल पूर्व प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में ढाई लाख रुपये के लिए आवेदन किया था। छह बार जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) कार्यालय के चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन अभी तक पहली किस्त नहीं मिली है। कुछ ऐसी ही व्यथा राजपुर चुंगी निवासी सरस्वती देवी की है। सरस्वती ने बताया कि आधा मकान बन चुका है। योजना की पहली किस्त मिल चुकी है लेकिन छह माह से दूसरी किस्त का इंतजार है। इन दोनों का का ही कहना है कि काश, हमारी भी प्रधानमंत्री (पीएम) नरेंद्र मोदी से बात हुई होती तो चार घंटे में पूरी किस्त मिल जाती। वैसे शहर में प्रमिला और सरस्वती अकेले नहीं हैं। 36 हजार लाभार्थियों को योजना की किस्त का इंतजार है।

पीएम शहरी आवास योजना में ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलती है। बशर्ते लाभार्थी के पास खुद की जमीन हो और पहला मकान बनाया जा रहा हो। इसके लिए डूडा कार्यालय में आवेदन करना होता है। जांच के बाद तीन किस्त में पूरी धनराशि जारी होती है, जिसमें पहली किस्त 50 हजार, दूसरी डेढ़ लाख और तीसरी 50 हजार रुपये की होती है। डूडा ने अभी तक 9200 लोगों को ही पूरा पैसा आवंटित किया है। सेवला निवासी रश्मि देवी ने बताया कि पांच माह से तीसरी किस्त नहीं मिली है। दो बार शिकायत की जा चुकी है। किस्त न मिलने से मकान नहीं बन पा रहा है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना एक नजर में

- योजना में 65 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं।

- 36 हजार आवेदन का सत्यापन होने के बाद स्वीकृति मिल चुकी है।

- दस हजार लाभार्थियों के आवेदन का सत्यापन लंबित है।

- 22 हजार लाभार्थियों को योजना की पहली किस्त में 50 हजार रुपये भेज दिए गए हैं।

- 18 हजार लाभार्थियों को योजना की दूसरी किस्त में डेढ़ लाख रुपये भेज दिए गए हैं।

- 9200 लाभार्थियों को योजना की तीसरी किस्त में 50 हजार रुपये भेज दिए गए हैं। - कोविड संक्रमण के चलते प्रदेश सरकार से बजट नहीं मिल रहा है। इससे लाभार्थियों को किस्त भेजने में देरी हो रही है।

संजय पथरिया, परियोजना अधिकारी, डूडा


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