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गृहकर की वसूली का लक्ष्य तय, निगम ने तैयारी की योजना

- तीन माह के भीतर 28 करोड़ रुपये की करनी होगी वसूली - 45 से बढ़ाकर 50 करोड़ की वसूली का तय किया लक्ष्य

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 08:00 AM (IST)
गृहकर की वसूली का लक्ष्य तय, निगम ने तैयारी की योजना
गृहकर की वसूली का लक्ष्य तय, निगम ने तैयारी की योजना

आगरा, जागरण संवाददाता। नगर निगम प्रशासन ने राजस्व निरीक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पहली बार गृहकर की वसूली का लक्ष्य तय किया गया है। कम वसूली करने वाले निरीक्षकों को निलंबित किया जाएगा। तीन माह के भीतर 28 करोड़ रुपये का कर वसूलना होगा।

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इस वित्तीय साल में गृहकर की वसूली का लक्ष्य 45 करोड़ रुपये था। नौ माह के भीतर महज 22 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। निगम सदन में इस पर रोष जताया गया था। नगरायुक्त अरुण प्रकाश ने अफसरों के साथ बैठक की और लक्ष्य को 45 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये कर दिया। अपर नगरायुक्त विजय कुमार हर सप्ताह वसूली की समीक्षा करेंगे। प्रत्येक राजस्व निरीक्षक को हर दिन की वसूली का रिकॉर्ड देना होगा। कम वसूली होने पर प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की जाएगी। छत्ता जोन का लक्ष्य 16 करोड़, हरीपर्वत का 15 करोड़, लोहामंडी का 14 करोड़ और ताजगंज का दस करोड़ रुपये है। निगम में चार दर्जन राजस्व निरीक्षक सहित अन्य कर्मचारी हैं। और नहीं जमा करते हैं कर

नगर निगम और जोन कार्यालय के कर्मचारी भी खेल कर रहे हैं। गृहकर जमा करने वालों को टरका दिया जाता है। कंप्यूटर से देखकर कर अधिक बताया जाता है। कई बार तो लोग डर जाते हैं और कर्मचारियों को रुपये देकर कर कम करने का अनुरोध करते हैं। धर्मेद्र शर्मा से छीना चार्ज

राजस्व निरीक्षक धर्मेंद्र शर्मा से एक वार्ड का चार्ज छिन लिया गया है। पूर्व में उनके पास हरीपर्वत और छत्ता वार्ड का चार्ज था। अब इन से हरीपर्वत वार्ड वापस ले लिया है। खुद की भर रहे जेब

वरिष्ठ पार्षद रवि माथुर का कहना है कि कई राजस्व निरीक्षक खुद की जेब भरने में लगे हैं। लक्ष्य के सापेक्ष महज दस फीसद की वसूली की है। ऐसे निरीक्षकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। पार्षद राजेश प्रजापति का कहना है कि राजस्व निरीक्षकों द्वारा कर निर्धारण में खेल किया जा रहा है। - 1.80 लाख गृहकर दाता है जिसमें 80 लाख लोग कर जमा करते हैं।

-01 बार जमा करना होता है साल में करहोता है।


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