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World hypertension day 2019: बीपी की समस्या से हैं ग्रसित तो ये खबर हो सकती है आपके काम की

खाने में लहसुन और गुड़ का प्रयोग रक्तचाप को करता है नियंत्रित।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 04:48 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 07:07 PM (IST)
World hypertension day 2019: बीपी की समस्या से हैं ग्रसित तो ये खबर हो सकती है आपके काम की
World hypertension day 2019: बीपी की समस्या से हैं ग्रसित तो ये खबर हो सकती है आपके काम की

आगरा, तनु गुप्ता। उच्च रक्तचाप या कहें हाई ब्लड प्रेशर। हाइपर टेंशन का दूसरा नाम। इस एक नाम के जिंदगी में शामिल होते ही तमाम चीजों का त्याग करना पड़ता है और एक दवा की गोली जीवन में हमेशा के लिए शामिल हो जाती है। आज हर दूसरा व्यक्ति बीपी की हाई या लो की समस्या से ग्रसित है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाओ तो क्लीनिक के काउंटर पर सबसे पहले ब्लड प्रेशर की जांच ही होती है। जैसे- जैसे बीपी की मशीन का बैलून फूलता जाता है दिल की धड़कने भी बढऩे लग जाती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ब्लड प्रेशर कोई बीमारी नहीं है। जी हां, यदि आप बरसों से बीपी की दवा का सेवन किये जा रहे हैं तो ये खबर आपको चौंका सकती है।

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धर्म विज्ञान शोध संस्था के अध्यक्ष डॉ. जेजे के अनुसार बीपी कोई बीमारी नहीं है। हम खुद ही इसे खरीदते हैं। विदेशी चिकित्सकों द्वारा थोपा गया ब्लड प्रेशर का नाम भारतीयों ने अपनी जीवनशैली में बदलाव कर शामिल कर लिया है। डॉ. जेजे के अनुसार हर देश में रक्तचाप का अपनी अलग एक माप प्रक्रिया होती है। भारतीय संस्कृति में खान पान हमेशा से ही स्वास्थ्यवर्धक रहा है लेकिन वर्तमान में ऐसी तमाम चीजें हमने अपने खान पान में शामिल कर ली हैं जिससे बड़ों के साथ बच्चों में भी यह समस्या होने लगी है।

हर ऋतु में होता है शरीर में बदलाव

हमारा देश विभिन्न ऋतुओं का देश है। डॉ. जेजे के अनुसार यहां खानपान के बदलाव से शरीर मौसम के अनुकूल होता है। शीत ऋतु में पाचन क्रिया में गर्मी ज्यादा रहती है और त्वचा में ठंडक अधिक। इसके विपरीत ग्रीष्म ऋतु में पाचन क्रिया ठंडी रहती है और त्वचा में गर्मी रहती है। अधिकांशत: हमारे देश में जितने भी त्योहार होते हैं उनपर जो प्रसाद या अन्य भोजन बनता है वो प्रकृति के अनुकूल शरीर की पाचन क्रिया को बनाने के लिए होता है। मौसम के अनुकूल भोजन करने से ही एंजाइम्स, हार्मोंस आदि बनते हैं।

क्या हुआ है बदलाव

डॉ. जेजे बताते हैं कि जीवन का एक रूटीन होता है। परिवार में जो भोजन बनता आया है हमारा शरीर उनके अनुकूल बनता जाता है लेकिन वर्तमान में तमाम ऐसी चीजें भोजन में शामिल कर ली गईं हैं जिनको हमारे बुजुर्गों ने कभी खाया ही नहीं था। इससे एडजस्ट एंजाइम्स अब डबल निकलने लगे हैं। ऐसा होने से हमारे रक्त परिवहन सिस्टम की वजह से वायु दोष हमारे शरीर के रक्त में बबल्स के रूप में पहुंचने लगा। ऐसा होने से हार्ट बीट ज्यादा बढ जाती है।

क्या है कारण

- एक्सरसाइज की कमी

- खेल के मैदारन की कमी

- जीवन में अकेलापन

ये मुद्रा करेगी घबराहट दूर

डॉ. जेजे ने बताया कि यदि ब्लड प्रेशर हाई हो रहा हो तो साधारण अवस्था में बैठकर ज्ञान मुद्रा में तर्जनी को बंद कर मध्यमा और अनामिका उंगलियों को अंगूठे से मिलाएं और दो मिनट बैठें। ब्लड प्रेशर नियंत्रण में हो जाएगा। इसके अलावा यदि कभी लगे कि पेट में कुछ घबराहट या बैचेनी जैसी हो रही है तो कुछ देर तक अपने दोनों हाथों को डमरू बजाने जैसी मुद्रा में हिलाएं। इससे शरीर के सारे सिस्टम बैलेंस हो जाते हैं। हार्ट बैलेंस होने लगता है और बैचेनी खत्म होकर गैस किसी भी रूप में पास हो जाएगी।

हाई या लो बीपी में करें इनका प्रयोग

डॉ. जेजे के अनुसार यदि अचानक ब्लड प्रेशर हाई हो जाए तो घर की रसोई में रखी दालचीनी जुबान के नीचे रख लें। लो ब्लड प्रेशर में गर्म चीज का प्रयोग करें।

ये बचाएंगे बीपी की समस्या से

डॉ. जेजे के अनुसार यदि भोजन में प्रतिदिन थोड़ा सा गुड़ और एक लहसुन की कली छीलकर और हाथ से थोड़ी कुचल कर प्रयोग करें तो बीपी की हर समस्या का समाधान मिल सकता है। हर व्यक्ति को हर मौसम में भोजन के बाद एक गुड़ की डली का सेवन पानी के साथ एवं लहसुन की एक कली का सेवन भोजन के साथ कौर से करना चाहिए।  


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