Holi Special: कान्हा की नगरी में बंट रहा फागुनी प्रसाद, रंग भरी भक्ति में सराबोर हुए भक्त
निधिवन राज मंदिर में भी महिला श्रद्धालुओं द्वारा गाई जा रही होली का श्रद्धालुओं ने आनंद लिया। राधाबल्लभ मंदिर में सुबह श्रृंगार आरती के बाद शुरू हुई होली।
आगरा, जेएनएन। वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में भले ही अभी रंगों की होली शुरू नहीं हुई है, लेकिन श्रद्धालु गुलाल उड़ाकर अभी से होली का आनंद लेने लगे हैं। बांकेबिहारी मंदिर में भक्त जमकर गुलाल उड़ा रहे हैं। राधाबल्लभ मंदिर में सेवायतों ने ठाकुरजी का प्रसादी गुलाल जब भक्तों पर डाला तो वे निहाल हो गए। होली के पद और रसिया के गायन पर थिरकते श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। निधिवन राज मंदिर में भी महिला श्रद्धालुओं द्वारा गाई जा रही होली का श्रद्धालुओं ने आनंद लिया।
राधाबल्लभ मंदिर में सुबह श्रृंगार आरती के बाद शुरू हुई होली में हर भक्त मदमस्त नजर आया। ठाकुरजी का प्रसादी रंग जिस भक्त पर चढ़ा वह आनंदित होने लगा। जिस भक्त पर रंग नहीं पड़ा वह रंग की एक एक बूंद अपने ऊपर पाने को उत्साहित दिखा। होली के पद और रसिया की धुन के बीच एक-दूसरे को रंग लगाकर होली का उल्लास दिखाते भक्त मस्ती में डूबे नजर आए।
प्रियाकांतजू मंदिर में हाईड्रोलिक पिचकारी से बरसेगा टेसू का रंग
छटीकरा मार्ग स्थित ठा. प्रियाकांतजू मंदिर पर होली महोत्सव 13 से 20 मार्च तक मनाया जाएगा। महोत्सव में देवकीनंदन ठाकुर श्रीमछ्वागवत रसपान कराएंगे। ब्रज की होली का आयोजन होगा। होलिका दहन से पूर्व 20 मार्च को दोपहर को होली खेली जाएगी। जिसमें फूलों की होली, लड्डु-जलेबी होली, लठामार होली, टेसु के रंग और गुलाल की होली खेली जायेगी। हाईड्रोलिक पिचकारी से टेसू के फूलों से बने रंग की बौछार की होगी।
जीवंत होगी नगाड़ों की परंपरा
बरसाना में लठामार रंगीली होली में हुरियारिन बनने का सौभाग्य भले ही कस्बे की ब्राह्मण महिलाओं को ही मिलता हो पर होली के दौरान आनंद उठाने से कोई भी अछूता नहीं रहता। चार साल से बंद पड़ी लठामार होली की चौपाई क्रांति दल के सहयोग से दोबारा शुरू होगी। कस्बे के विभिन्न मुहल्लों में रंगीली होली के दिन निकाली जाने वाली चौपाई के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। युवा बुजुर्गों से चौपाई गायन सीख रहे हैं।
रंगीली होली पर हुरियारों के स्वागत के लिए कस्बे के हर मुहल्ले में चौपाई निकाले जाने की तैयारियां चल रही हैं। नंदगांव से आने वाले हुरियारे कस्बे के प्रिया कुंड पर अपना पड़ाव करते हैं। प्रिया कुंड को प्रतीकात्मक जनवासा कहा जाता है। कस्बे के प्रमुख गणमान्य नागरिक प्रिया कुंड पर हुरियारों का स्वागत करते हैं। यहां हुरियारों को भांग की ठंडाई पिलाई जाती है। यहां पर कस्बे के हर मुहल्ले के लोग अपने-अपने नगाड़े, ढोल, ढप, मंजीरा लेकर पहुंच जाते हैं। हर मुहल्ले की अपनी एक अलग ध्वजा होती है। नगाड़ों की थाप पर युवा थिरकते हैं तो बुजुर्ग होली के रसिया गाते हुए चलते हैं। नंदगांव के हुरियारे प्रिया कुंड से लाडिली जी मंदिर की ओर चले जाते हैं और चौपाई गायक अपनी मंडली के साथ सुदामा चौक से रंगीली गली होते हुए मुख्य बाजार में आ जाते हैं। उक्त चौपाई आज से चार साल पहले तक निकाली जाती थी, लेकिन नगाड़ों के रखरखाव के चलते यह बन्द हो गया था। लेकिन क्रांति दल के सहयोग से दुवारा नगाड़ों की यह परंपरा फिर से शुरू होगी, जिसकी तैयारी जोरों पर चल रही है।
इन मुहल्लों की निकलेंगी चौपाई
चैना का थोक, टांटिया मुहल्ला, बाग मुहल्ला, बांस मुहल्ला, तेहिया मुहल्ला, यादव मुहल्ला के लोगो द्वारा चौपाई गायन में बढ़चढ़ कर भाग लिया जाएगा। उक्त मुहल्ला के लोगों द्वारा बड़े उत्साह के साथ नगाड़ा निकालने की तैयारी चल रही है।
प्राचीन परंपरा है ये
नगाड़ों की थाप पर निकलने वाली चौपाई परंपरा प्राचीन है, लेकिन नगाड़ों के रखरखाव में कमी के कारण कुछ सालों से यह चौपाई बंद हो गई थी। अब फिर से शुरू करने की तैयारी क्रांति दल द्वारा की जा रही है।
पदम फौजी, संस्थापक क्रांति दल
यादव और क्षत्रिय समाज की यह चौपाई बड़ी आलौकिक और अदभुत होती है। बुजरुग हुरियारे बड़ी मस्ती के साथ गाते-बजाते चौपाई निकालते हैं। इस दौरान युवा भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
गोविंद मुनीम, ग्रामीण