World Aids Day 2019: एचआइवी पॉजिटिव दंपती की ‘निगेटिव फैमिली’Agra News
एचआइवी पॉजिटिव युवक-युवती शादी करने के बाद डॉक्टर से परामर्श लेकर कर रहे गर्भधारण।
आगरा, जागरण संवाददाता। एचआइवी पॉजिटिव युवक ने पॉजिटिव युवती से शादी की। एसएन में काउंसिलिंग के बाद 2016 में गर्भधारण किया, उनके बेटी हुई। एचआइवी के संक्रमण से बचाने के लिए दवा दिलवाई, 18 महीने पर एचआइवी की जांच हुई। यह एचआइवी पॉजिटिव दंपती की एचआइवी निगेटिव बेटी है, पिछले साल दूसरे बच्चे की प्लानिंग की। एसएन में इलाज कराया, दंपती के इसी साल बेटा हुआ है। उसका इलाज चल रहा है। एड्स दिवस पर (एक दिसंबर) एचआइवी पॉजिटिव युवक युवती की यह तस्वीर बता रही है कि वे सामान्य लोगों की तरह ही जिंदगी जी रहे हैं।
एचआइवी का संक्रमण संक्रमित सूई, संक्रमित ब्लड और संबंध बनाने के साथ मां से बच्चों को फैलता है। मां से बच्चों को बीमारी न फैले, इसके लिए एसएन में 2005 से प्रिवेंशन ऑफ पैरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन (पीपीटीसीटी) चल रहा है। यहां गर्भधारण के बाद जांच में एचआइवी पॉजिटिव आने पर गर्भवती इलाज कराने के लिए आती थीं। मगर, अब पॉजिटिव युवक-युवती बच्चे की प्लानिंग से पहले संपर्क कर रहे हैं। सेंटर में इस साल 34 प्रसव कराए गए हैं, इसमें से 21 सामान्य हुए हैं। प्रसव के बाद नवजात को नेवीरपाइन सीरप दिया जाता है, एआरटी ले रहीं गर्भवती महिलाओं के नवजात को 45 दिन और अन्य केस में तीन महीने तक नेवीरपाइन सीरप लेना होता है। एचआइवी की पहली जांच छह सप्ताह के शिशु की कराई जाती है, यह एम्स से होती है, 18 महीने पर अंतिम जांच होती है। इसमें एचआइवी की पुष्टि न होने पर बच्चे में एचआइवी संक्रमण की आशंका खत्म हो जाती है।
505 सेक्स वर्कर पॉजिटिव, फैला रहे संक्रमण
एचआइवी पॉजिटिव में 505 सेक्स वर्कर भी हैं, इनसे संक्रमण फैलने की आशंका है। इन सेक्स वर्कर को संबंध न बनाने और कंडोम का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
2414 एचआइवी पॉजिटिव की हो चुकी है मौत
एसएन में पंजीकृत एचआइवी पॉजिटिव में से 2414 की मौत हो चुकी है। इसमें से तमाम बीच में इलाज छोड़ चुके थे।
एचआइवी की चपेट में 135 समलैंगिक
समलैंगिक भी एचआइवी के संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। एसएन में 135 समलैंगिकों का इलाज चल रहा है। ये वर्षो से एक साथ रह रहे हैं।
4574 में यौन संबंध और 418 के खून चढ़ाने से फैला संक्रमण
एसएन में पंजीकृत मरीजों में से 4574 में संक्रमण फैलने का कारण असुरक्षित यौन संबंध है। वहीं, 418 एचआइवी पॉजिटिव में संक्रमित खून चढ़ाने से फैला है। ब्लड बैंक से बिना जांच और खरीद का खून चढ़ाने से सामान्य लोगों में एचआइवी का संक्रमण फैल रहा है।
870 एचआइवी पॉजिटिव लापता, फैला सकते हैं संक्रमण
एचआइवी पॉजिटिव सामान्य युवक-युवती से संबंध न बनाएं, ब्लड न दें। इसके लिए जागरूक किया जाता है। मगर, एसएन में पंजीकृत मरीजों में से 870 गायब हैं, इनके बारे में पता नहीं चल रहा है। इनसे संक्रमण फैलने का खतरा है।
ये है हाल
- गर्भवती महिलाओं की एचआइवी की हुई जांच - 7539 (24 एचआइवी पॉजिटिव)
- 2019 में एसएन में कराए गए प्रसव - 34 (21 सामान्य, 13 सिजेरियन )
- 2005 से 2019 तक एसएन में गर्भवती महिलाओं की एचआइवी की जांच - 62945 (246 एचआइवी पॉजिटिव )
- 2005 से 2019 तक एचआइवी पॉजिटिव के कराए गए प्रसव - 297 (178 बच्चे निगेटिव, 2019 में 20 बच्चे निगेटिव)
- एसएन में पंजीकृत एचआइवी पॉजिटिव - 9839
- इलाज करा रहे - 4327
- मौत हो चुकी है - 2414
- समलैंगिक - 135
- सेक्स वर्कर - 505
- ट्रक चालक - 77
- नियमित नहीं ले रहे इलाज - 978
- छोड़ चुके हैं इलाज - 839
विशेषज्ञों की राय
इस साल पीपीटीसीटी सेंटर में 34 एचआइवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के प्रसव कराए गए। सेंटर में कराए गए प्रसव में से 178 बच्चे एचआइवी के संक्रमण से बच गए हैं।
डॉ. सरोज सिंह, विभागाध्यक्ष स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग एसएन मेडिकल कॉलेज
बच्चे की प्लानिंग से पहले एचआइवी पॉजिटिव दंपतियों की काउंसिलिंग की जाती है।
रितु भार्गव, काउंसलर, पीपीटीसीटी सेंटर एसएन