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सोशल मीडिया ने दी हिंदी को संजीवनी तो दुनिया में पकड़ बनी अपनी

युवा हो या बुजुर्ग, सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट और भावनाएं ¨हदी के सहारे जाहिर कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 12:06 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 12:06 PM (IST)
सोशल मीडिया ने दी हिंदी को संजीवनी तो दुनिया में पकड़ बनी अपनी
सोशल मीडिया ने दी हिंदी को संजीवनी तो दुनिया में पकड़ बनी अपनी

आगरा(जेएनएन): सोशल मीडिया ने ¨हदी की बिंदी को ऐसी मजबूती दी है कि इसे कमजोर करने का आरोप सहने वाली तकनीक ही, उसके लिए संजीवनी बन गई। पहले जो अंग्रेजी में पोस्ट करते थे, अब वे भी ¨हदी को अभिव्यक्ति का माध्यम बना रहे हैं। सुगम, सहज और सरल भाषा हिंदी को सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा पसंद किया जाने लगा है।

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कुछ वक्त पहले की बात है कि सोशल मीडिया पर फिरंगी भाषा में लंबी चौड़ी पोस्ट डालने वालों को बुद्धिमान समझा जाता था। वक्त ने करवट ली और जिस तकनीक ने ¨हदी को कमजोर किया, अब वही उसे संजीवनी दे रही है। युवा हो या बुजुर्ग, सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट और भावनाएं ¨हदी के सहारे जाहिर कर रहे हैं। तकनीक ने दूर की दिक्कत: छात्र राहुल यादव ने बताया कि ¨हदी मातृभाषा है, जिसे सुनकर और बोलकर हम बड़े हुए। इसमें बात रखना और दूसरों को समझाना आसान है। इसका प्रयोग नहीं होता था, इसलिए अंग्रेजी के सहारे की जरूरत पड़ती थी। अब ¨हदी ऐप और ¨हदी कीबोर्ड हैं, तो इनका प्रयोग बेहद आसान हो गया है। अभिव्यक्ति को मिले शब्द: व्यापारी शोभित अग्रवाल ने बताया कि अंग्रेजी ज्यादा अच्छी नहीं थी। उसे बोलने और लिखने में संकोच होता था। जब से सोशल मीडिया के टूल्स पर ¨हदी के विकल्प आया, तब से अपनी बात रखना आसान हो गया। ज्यादा लोगों तक पहुंचना आसान:

¨हदी का प्रयोग अंग्रेजी के अच्छे जानकार भी कर रहे हैं। कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ीं रानू अग्रवाल बताती हैं, कि अपनी बात प्रभावी रूप से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए वह ¨हदी में पोस्ट करती हैं।


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