ताजनगरी में मशीनों से हाईटेक सफाई, बहुत दिन न चल पाई, वजह रही ये Agra News
नौ माह पूर्व खरीदीं 10 लिटर पिकर मशीनों में से अधिकांश खराब।ताजमहल के आसपास एमजी रोड सहित अन्य स्थल थे शामिल।
आगरा, जागरण संवाददाता। झुनझुना बहुत तेज बजता है और हकीकत उसके उलट। बड़े जोर से शहर की सफाई व्यवस्था को हाईटेक मशीनों से कराने की डुगडुगी कई दिनों तक बजती रही, मशीनाेें की खरीद हुई अौर कुछ दिन काम करने के बाद वर्कशॉप में पहुंच गईं। नगर निगम के अफसरों की लचर कार्यशैली खुलकर सामने आ रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण में यूं ही टॉप टेन रैंक का सपना अधूरा नहीं रह गया है। ताजमहल के आसपास हो या फिर एमजी रोड व अन्य क्षेत्र, लापरवाही के चलते मशीनों से हाईटेक सफाई लड़खड़ा गई है। नौ माह पूर्व एक करोड़ से 10 लिटर पिकर मशीनों की खरीद हुई थी। इनमें अधिकांश मशीनें खराब हो गई हैं, जो ठीक हैं उनका सही तरीके से प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
मशीन की सफाई से फायदा
आमतौर पर झाड़ू लगाने के दौरान धूल उड़ती है लेकिन लिटर पिकर मशीन से यह समस्या खत्म हो रही थी। साथ ही राेेेड पर डिवाइडर के किनारे लगे मिट्टी के ढेर को भी यही मशीन साफ कर देती है।
इन क्षेत्रों में होनी थी सफाई
भगवान टाकीज, सूरसदन तिराहा से वजीरपुरा रोड, संजय प्लेस की सफाई, सूरसदन तिराहा से सेंट पॉल्स होते हुए खंदारी तक और दूसरी भरतपुर हाउस की तरफ, सेंट जोंस चौराहा से आगरा कॉलेज, नालबंद, साईं की तकिया होते हुए व उसके पास। वर्तमान में एक मशीन केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड पर कभी कभी सफाई करते हुए दिखती है। अन्य क्षेत्रों से नदारद हैं।
यह है खासियत
कूड़ा कलेक्शन टैंक 240 लीटर, सक्शन प्रेसर 200 एमएम, सफाई एरिया एक वर्ग मीटर, मशीन का वजन 45 किग्रा, होज डाया 150 एमएम, एयर फ्लो 105 से 110 लीटर।
इसलिए जल्द खराब हुई मशीनें
लिटर पिकर मशीनों को चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई। मशीन से कर्मचारियों ने ईंट-पत्थर और अन्य वजनी सामान को भी उठाया। इससे सक्शन पंप सबसे पहले खराब हुआ।
300 के करीब हैं मशीन
नगर निगम के पास तीन सौ के करीब मशीनें हैं। एक स्वीपिंग मशीन राजनगर सेंटर पर खड़ी है। मशीन के आसपास मिट्टी का ढेर लग गया है।
मामले की जांच कराएंगे
मेयर नवीन जैन ने इस मामले में कहा कि लिटर पिकर मशीनें खराब होने की शिकायतें मिली हैं। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। मशीनों को ठीक कराया जाएगा।