नशे के सौदागरों ने बदला रास्ता, गांजा की सप्लाई को अपनाए दूसरे हथकंडे Agra News
गांजा तस्कर अब राजधानी और एसी कोच से कर रहे तस्करी। लग्जरी गाडिय़ों में चेकिंग से बचने को चलते हैं वीआइपी बनकर।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी गांजा तस्करों के लिए बड़ा अड्डा बन गई है। ऐसे में तस्करों ने ट्रेन को तस्करी के लिए मुफीद माना है। पहले तस्कर जनरल डिब्बों और स्लीपर कोच से गांजा लेकर आते थे। सख्ती बढ़ी तो उन्होंने तस्करी के लिए क्लास बदल दी। एसी कोच और अब लग्जरी ट्रेनों को गांजा तस्करी का रास्ता बना लिया है।
दो दिन पहले आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से आरपीएफ और जीआरपी ने दो गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया। इनके पास से 60 किलो गांजा बरामद हुआ। इन्होंने बताया कि यह विशाखापट्टनम से राजधानी एक्सप्रेस से गांजा लेकर आए थे। ट्रेन के जरिए गांजा तस्करी लंबे समय से हो रही है, लेकिन जनरल और स्लीपर कोच में सख्ती बढऩे के चलते तस्करों ने वीआइपी तरीका अपनाना शुरू कर दिया है। 19 अक्टूबर को जीआरपी ने उड़ीसा से एसी कोच में लाया जा रहा तस्करी का गांजा पकड़ा था। पिछले दिन पकड़े गए तस्करों ने पूछताछ में बताया कि राजधानी जैसी गाडिय़ों और एसी कोच में आमतौर पर हर यात्री की तलाशी नहीं होती है। ऐसे में वह वीआइपी बनकर इन ट्रेनों से जाते हैं।
फ्लाइट से जाते और ट्रेन से आते
उड़ीसा और विशाखापट्टनम से गांजा तस्करी होती है। तस्कर दिल्ली से फ्लाइट से जाते हैं और वहां से ट्रेनों के माध्यम से गांजा लेकर आते हैं।
पार्सल से भी पकड़ा गया गांजा
तस्करी के लिए क्लास बदलने के अलावा तस्कर तरीका भी बदल चुके हैं। 23 सितंबर को पार्सल के जरिए लाया जा रहा 123 किलो गांजा पकड़ा गया था। नारियल के बोरे में छिपाकर गांजा लाया गया था।