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Gram Panchayat Chunav: आगरा जिला पंचायत का अनोखा उम्मीदवार, जो लड़ रहा 93 वां चुनाव

Gram Panchayat Chunav हस्नू राम अंबेडकरी अब तक 93 बार चुनाव लड़ चुके हैं। वह वर्ष 1984 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव को शौक के लिए लड़ने वाले अंबेडकरी ने 1988 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आवेदन किया था लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया था।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 01:41 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 01:41 PM (IST)
Gram Panchayat Chunav: आगरा जिला पंचायत का अनोखा उम्मीदवार, जो लड़ रहा 93 वां चुनाव
जिला पंचायत के वार्ड 30 से नामांकन के लिए जाते अंबेडकरी हस्नु राम। अब तक 92 चुनाव लड़ चुके है

आगरा, जागरण संवाददाता। जुनून, हां बेशक ये शब्द बिल्कुल सटीक रहेगा उस शख्स के लिए जो 75 वर्ष की उम्र की दहलीज पर खड़ा है। जो तीन दशकों से लगातार चुनावी रणक्षेत्र में उतरता है। हां उसके तरकश के तीर भले ही नहीं चल पाते लेकिन वो अंत तक रण में ही रहता है। आगरा के राज नगर नगला दुल्हे खां निवासी हस्नू राम अंबेडकर...जुनून और जोश का दूसरा नाम हैं। भले ही जीत ने उनके आंगन का कभी रुख तक न किया हो लेकिन वो चुनावी समर में उतरते हैं। इस बार भी जिला पंचायत चुनाव का नामांकन उन्होंने दाखिल कर दिया है। ये उनका 93 वां चुनाव होगा। अब देखना होगा कि जीत उनकी गली में आती है या नहीं। 

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75 वर्षीय हस्नू राम आंबेडकरी। आगरा तहसील में अमीन पद पर कार्यरत थे। 1984-85 के दौर में उनके मन में चुनाव लड़ने की इच्छा हुइ। इसके चलते उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा लेकिन उन्हें ये कहकर मना कर दिया गया कि तुम्हें तो तुम्हारी पत्नी भी वोट नहीं देंगी। हस्नू राम बताते हैं कि बस वो दिन था और आज का दिन है। वोट मिले या न मिले हर बार चुनाव जरूर लड़ता हूं। हस्नू राम ने चुनाव लड़ने के जुनून के कारण अपनी नौकरी से भी त्यागपत्र दे दिया था। इस वर्ष आगरा में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के लिए वार्ड  30 से उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। वहीं उनकी पत्नी सूरमा देवी भी इस बार पहली बार चुनावी समर में उतरी हैं। उन्होंने नगला दुल्हे खां से प्रधानी के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है। 

राष्ट्रपति से लेकर जिला पंचायत तक लड़ा चुनाव

हस्नू राम अंबेडकरी अब तक 93 बार चुनाव लड़ चुके हैं। वह वर्ष 1984 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव को शौक के लिए लड़ने वाले अंबेडकरी ने 1988 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया था। ‌इसके बाद भी वे नहीं रुके। तब से लेकर अब तक वे लोकसभा, विधानसभा, मेयर, एमएलसी और जिला पंचायत के चुनाव हर बार लड़ते रहे। 2020 में हुए एमएलसी चुनाव में तो उन्होंने शिक्षक और स्नातक दोनों सीट से चुनाव लड़ा था। हर चुनाव में भले ही उनकी जमानत जब्त हो जाती हो, लेकिन वह जोर आजमाइश जरूर करते हैं। वह आगरा, फिरोजाबाद, फतेहपुरसीकरी से सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं। खेरागढ़, दयालबाग, फतेहपुरसीकरी से विधानसभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं। नगर निगम के वार्ड सदस्य और पंचायत के भी चुनाव लड़ चुके हैं। 

ये हैं अंबेडकरी के मुद्दे

-पानी

-बिजली

-गृहकर 


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