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जिस हवा में सांस ले रहे हैं आप, वह कितनी हो चुकी घातक, चौंक जाएंगे जानकर Agra News

दीपावली पर सीपीसीबी के एकत्र सैंपलों की जांच से सामने आई हकीकत। मानव स्वास्थ्य के लिए घातक आर्सेनिक मानक से अधिक पाया गया।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 09:59 AM (IST)
जिस हवा में सांस ले रहे हैं आप, वह कितनी हो चुकी घातक, चौंक जाएंगे जानकर Agra News
जिस हवा में सांस ले रहे हैं आप, वह कितनी हो चुकी घातक, चौंक जाएंगे जानकर Agra News

आगरा, निर्लोष कुमार। ताजनगरी की हवा जहरीली होती जा रही है। मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आर्सेनिक यहां की हवा में मानक से कई गुना ज्यादा घुल रहा है। अन्य धातु कण भी हवा के साथ सांस के माध्यम से शरीर में पहुंच रहे हैैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दीपावली से सात दिन पहले से सात दिन बाद तक सैैंपल एकत्रित करके परीक्षण के लिए भेजे थे। दीपावली और उसके बाद धातु कण बढऩे का कारण आतिशबाजी को माना जा सकता है लेकिन धातु के कण दीपावली से पहले भी वातावरण में बड़ी मात्रा में घुले थे। धातु के कण सांस के साथ मानव के शरीर में प्रवेश कर रक्त में मिल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं।

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सीपीसीबी ने दीपावली (27 अक्टूबर) पर आतिशबाजी से पर्यावरण पर पडऩे वाले प्रभाव की जांच कराई थी। ताजमहल और नुनिहाई में 15 दिन तक (दीपावली से सात दिन पूर्व और सात दिन बाद तक) 20 अक्टूबर से तीन नवंबर तक सैंपल लिए गए थे। सैंपल को जांच के लिए दिल्ली मुख्यालय भेजा गया था। जांच रिपोर्ट अब आई है। दीपावली के दिन धूल कणों (पीएम10) में आर्सेनिक मानक के छह गुना से अधिक और अति सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) में आर्सेनिक 14 गुना तक पहुंच गया। लैड मानक के नजदीक पाया गया। आर्सेनिक और लैड मानव स्वास्थ्य के लिए घातक हैं।

दीपावली के दिन ताजमहल पर धातुओं की मात्रा

धातु, मात्रा, मानक

धूल कण

आर्सेनिक, 38, 6

लैड, 564, 1000

निकिल, 4, 20

एल्यूमीनियम, 7782, -

बेरियम, 4836, -

आइरन, 645, -

स्ट्रोंशियम, 338, -

अति सूक्ष्म कण

आर्सेनिक, 0.084, 0.006

लैड, 0.778, 1.000

निकिल, 0.005, 0.020

एल्यूमीनियम, 12.725, -

बेरियम, 7.619, -

आइरन, 0.644, -

स्ट्रोंशियम, 0.451, -

दीपावली के दिन नुनिहाई में धातुओं की मात्रा

धातु, मात्रा, मानक

धूल कण

आर्सेनिक, 33, 6

लैड, 445, 1000

निकिल, 9, 20

एल्यूमीनियम, 10065, -

बेरियम, 6068, -

आइरन, 2428, -

स्ट्रोंशियम, 413, -

अति सूक्ष्म कण

आर्सेनिक, 0.085, 0.006

लैड, 0.559, 1.000

निकिल, 0.005, 0.020

एल्यूमीनियम, 16.176, -

बेरियम, 9.715, -

आइरन, 0.969, -

स्ट्रोंशियम, 0.566, -

यह हैं मानक

धूल कणों के लिए मानक नैनो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (वार्षिक मानक) में हैं।

अति सूक्ष्म कणों के लिए मानक माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में हैं।

एल्यूमीनियम, बेरियम, आयरन, स्ट्रोंशियम के मानक तय किए जाने हैं। सीपीसीबी सुप्रीम कोर्ट में इस पर अपनी रिपोर्ट सबमिट कर चुकी है।

यह है धातु कण फिजां में घुलने की वजह

ताजनगरी की फिजां में धातु कण घुलने की वजह फाउंड्री उद्योग, इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां, कूड़ा जलना, ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में रोक के बावजूद कोयले का जलना मुख्य वजह मानी जा रही हैं।

अन्य दिनों में भी बढ़ी हुई मिली मात्रा

ताजनगरी की हवा में दीपावली के दिन आतिशबाजी के चलते धातु कणों की मात्रा घुलना तो समझ में आता है, लेकिन यह अन्य दिनों के सैंपलों में भी मानक से अधिक पाए गए हैं। ताजमहल व नुनिहाई दोनों जगहों पर आर्सेनिक और लैड की मात्रा कई दिन मानक से अधिक दर्ज की गई। अति सूक्ष्म कणों में घुला आर्सेनिक तो ताजमहल और नुनिहाई में प्रत्येक दिन मानक से अधिक पाया गया है।

'आतिशबाजी से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आतिशबाजी से वायु में घुलने वाले धातु कणों के मानव स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभावों को देखते हुए लोगों को जागरूक करने को जागरूकता कार्यक्रम किए जाते हैं। जनता को भी जागरूक होना आवश्यक है'।

-कमल कुमार, प्रभारी अधिकारी सीपीसीबी 


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