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बिहार के पूर्व डीजीपी का नया अवतार, वृंदावन से शुरू किया कथा प्रवचन का सिलसिला

बोले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अब ठाकुरजी के हाथ की वंशी हो गया हूं। चैतन्य विहार स्थित पाराशर आध्यात्म ट्रस्ट में रविवार को पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने मुलाकात के दौरान पुलिस अधिकारी से आध्यात्मिक रूप में आने के सवाल पर कहा आदमी पहले बच्चा होता है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 04:42 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 04:42 PM (IST)
बिहार के पूर्व डीजीपी का नया अवतार, वृंदावन से शुरू किया कथा प्रवचन का सिलसिला
चैतन्य विहार स्थित पाराशर आध्यात्म ट्रस्ट में पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे।

आगरा, जेएनएन। बिहार के पूर्व डीजीपी व जेडीयू नेता गुप्तेश्वर पांडेय एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। पूर्व डीजीपी के चर्चा में रहने का कारण है उनका कथावाचक अवतार है। रविवार को गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने इस नए अवतार को लेकर कहा है जीवन में एक समय ऐसा आता है जब आप जीवन के उद्देश्य को जानना चाहते हैं और ईश्वर को जानना चाहते हैं। ब्राह्मण परिवार से होने के नाते मेरी दिलचस्पी भगवान में रही है और यह परिवर्तन अचानक नहीं हुआ है। औपचारिक रूप से आज पहली कथा है, जबकि अयोध्या में अभ्यास सत्र के कुछ क्लिप वायरल हो गए थे। कहा अब मैं ठाकुरजी के हाथ की वंशी हो गया हूं।

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चैतन्य विहार स्थित पाराशर आध्यात्म ट्रस्ट में रविवार को पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने मुलाकात के दौरान पुलिस अधिकारी से आध्यात्मिक रूप में आने के सवाल पर कहा आदमी पहले बच्चा होता है, धरती पर आता है, इसके बाद नौजवान होने के बाद उसकी रुचि और प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। वृद्ध होने पर तो उसकी प्राथमिकताएं, जिम्मेदारी बदल जाती है। पुलिस सफल पदाधिकारी रहते 35 वर्ष तक देश और विहार की सेवा की। विभिन्न पदों पर स्थापित रहा।

राजनीति में जाने के सवाल पर पांडेय ने कहा राजनीति में तो मैं जा ही नहीं पाया, मेरा प्रवेश ही नहीं हुआ। ये अच्छा भी है। चूंकि राजनीति सबके बस की बात नहीं है। राजनीति में धीरज, संयम, त्याग, तपस्या, सहनशक्ति और प्रतीक्षा की जरूरत है। लेकिन ये सब मेरे अंदर नहीं थी। अब ठाकुरजी की शरण में हैं। ठाकुरजी का गुणगान करेंगे। आगे के लक्ष्य के सवाल पर पांडेय ने कहा जीवन का अंतिम लक्ष्य सनातन धर्म के अनुसार खुद को जानना, आत्मबोध ही है, यही मेरी यात्रा रहेगी। ब्राह्मण परिवार में जन्म मिला, बचपन से ही पूजा-पाठ सब मिला। भागवत के प्रति कथावाचक डा. श्यामसुंदर पाराशर की कथा सुनने के बाद हुई। भागवत पढ़ी तो उसमें रस आने लगा और जीवन भागवतमय हो गया।

बिहार में शराब बंदी के बावजूद शराब माफिया की मौजूदगी के सवाल पर पांडेय ने कहा ये अब मेरी रुचित का विषय नहीं है। जब प्रदेश में डीजीपी था, इससे पहले दाे साल से शराबबंदी का अगुवा था। बिहार सरकार का ये निर्णय एतिहासिक तो है ही सनातन धर्म व इस्लामधर्म के लिए भी अनुकूल है। किसी तरह के नशा आदमी का पतन करता है।

पूर्व डीजीपी पांडेय ने यूपी के पूर्व आईजी पांडे के सखी रूप रखने और फिर अचानक गायब हो जाने के सवाल पर कहा जीवन में चेतना के स्तर का मूल्यांकन करना होगा। आपकी चेतना का जो स्तर है, उसी स्तर से आप दूसरे को परख सकते हैं। जो विनोदी चेतना के लोग हैं, वे अपने को नहीं जान सकते, दूसरे को क्या जानेंगे। क्रिकेटर सुरेश रैना द्वारा मैं ब्राह्मण ट्वीट करने के बाद ट्रोल होने के सवाल को नकारते हुए कहा राजनीति से उनका कोई संबंध नहीं। जीवन के आगे के लक्ष्य के सवाल पर पांडेय ने कहा ठाकुरजी के हाथ की वंशी हो गया हूं, वो जैसे बजाएंगे वैसे ही बजता रहूंगा। अपने लिए अब संसार में कोई अकर्षण नहीं।


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