हार्ड कॉपी न मिलने से कम रहे जीएसटी रिफंड
वाणिज्य कर विभाग ने पत्र जारी कर दी विभाग की ओर से सफाई। 802 में से महज 196 ने ही जमा कराई प्रार्थना पत्र की हार्ड कॉपी
आगरा(जागरण संवाददाता): दैनिक जागरण ने रिफंड मामलों के कम निस्तारण की खबर पिछले दिनों प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इससे घेरे में आए वाणिज्य कर विभाग ने अपनी स्थिति को साफ करने की कोशिश की है। इसके लिए बुधवार को वाणिज्य कर विभाग के एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन डॉ. बुद्धेश मणि ने पत्र जारी कर सारा ठीकरा व्यापारियों पर फोड़ दिया है।
डाक्टर मणि ने बताया कि जीएसटी रिफंड भुगतान में कमी विभाग की गलती से नहीं, बल्कि व्यापारियों द्वारा अधूरी प्रक्रिया अपनाने के कारण हुआ है। 31 मई से 14 जून तक चले रिफंड पखवाड़ा में 30 अप्रैल तक पोर्टल पर अपलोड रिफंड प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करना था। व्यवस्था में प्रार्थना पत्र पोर्टल पर अपलोड करने के बाद उसकी हार्ड कॉपी सभी प्रपत्रों के साथ संबंधित खंड कार्यालय में जमा करानी थी। अधिकांश व्यापारियों ने रिफंड प्रार्थना पत्र पोर्टल पर तो अपलोड कर दिए, लेकिन उनकी हार्ड कॉपी संबंधित कर निर्धारण अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत नहीं की। इस कारण पोर्टल पर अपलोड रिफंड प्रार्थना पत्रों का निस्तारण नहीं हो पाया।
802 में से 196 की कॉपी मिली:
अधिकारी ने बताया कि 30 अप्रैल तक पोर्टल पर अपलोड राज्य कर विभाग से जुड़े 802 प्रार्थना पत्रों में से महज 196 की हार्ड कॉपी प्रस्तुत की गई। उनका निस्तारण कर दिया गया। यह स्थिति तब है जब पांच जून को सभी एक्सपोर्टर्स के संगठनों की बैठक बुलाकर उन्हें हार्ड कॉपी जमा कराने के निर्देश दिए थे।
रसीद काउंटर शुरू:
डॉ.मणि ने बताया कि वाणिज्य कर मुख्यालय से जारी आदेश को देखते हुए 25 जून से नई व्यवस्था लागू कर दी है। जयपुर हाउस स्थित वाणिज्य कर भवन के भूतल पर व्यापारी सुविधा केंद्र में कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड वन अर्जुन सिंह की ड्यटी लगाई गई। उक्त रसीद काउंटर का प्रभारी असिस्टेंट कमिश्नर खंड सात विनय कुमार गुप्ता को बनाया गया। इसके संचालन के लिए ज्वाइंट कमिश्नर कार्यपालक संभाग ए अयूब अली को पर्यवेक्षणीय अधिकारी बनाया गया है। इस काउंटर पर जिले के सभी व्यापारी जीएसटी से जुड़े रिफंड प्रार्थना पत्र बिना किसी पृष्ठाकंन के प्राप्त कर सकते हैं। रसीद काउंटर पर प्राप्त रिफंड से संबंधित प्रार्थना पत्र उसी दिन संबंधित खंड कार्यालय को कार्रवाई के लिए प्राप्त कराए जा रहे हैं, ताकि प्रार्थना पत्र प्राप्त करने व रसीद प्राप्ति में कोई दिक्कत न हो।