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World Water Day 2021: धरती का सीना चीर कर हो रहा पानी का अनाधिकृत कारोबार

World Water Day 2021 अनाधिकृत आरओ प्लांट वाहन धुलाई केंद्र पर नहीं लगाम। शहरी क्षेत्र में एक हजार प्लांट बिना लाइसेंस संचालित हो रहे हैं जबकि 14 प्लांट ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) से लाइसेंस लिया है। घर-घर में प्लांट खुले हुए हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 02:11 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 02:11 PM (IST)
World Water Day 2021: धरती का सीना चीर कर हो रहा पानी का अनाधिकृत कारोबार
आगरा के घर-घर में आरओ प्लांट खुले हुए हैं।

आगरा, अंबुज उपाध्याय। जलसंकट गंभीर रूप ले रहा है। बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं, इसके बाद भी गंभीर रुख नहीं अपनाया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में भूगर्भ जलस्तर प्रतिदिन गिर रहा है, तो 15 में से 13 ब्लाक क्रिटिकल स्थिति में आ गए हैं। सूखती धरती की कोख के कारण पैदा हो रहे जलसंकट की पानी का व्यापार करने वालों को चिंता नहीं है। वे धरती का सीना चीर कर रोज हजारों लीटर पानी का दोहन करते हैं, लेकिन कोई लगाम नहीं लग पा रही है। वहीं अनाधिकृत रूप से संचालित वाहन धुलाई केंद्र भी पानी का दोहन कर रहे हैं। वाहनों को धोने के नाम पर सैकड़ों लीटर पानी रोज बर्बाद होता है।

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शहरी क्षेत्र में एक हजार प्लांट बिना लाइसेंस संचालित हो रहे हैं, जबकि 14 प्लांट ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) से लाइसेंस लिया है। घर-घर में प्लांट खुले हुए हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने आंखें मूंद रखी हैं। ये प्रतिदिन वाटर कूलर, 20 लीटर की बोतल, छोटी पैक्ड बोतल तैयार कर उसे बाजार में उपलब्ध कराते हैं। पानी को शुद्ध बनाने में 70 फीसद हिस्सा बर्बाद चला जाता है, जिसे अनाधिकृत प्लांट वाले नाली में बहा देते हैं। इसी तरह पेयजल से लेकर सिंचाई तक के लिए पानी का संकट खड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई किलोमीटर चलकर लोगों को पानी लाना पड़ रहा है, तो शहरी क्षेत्र में भी आए दिन पानी के लोग परेशान होते हैं। शहर में 270 से अधिक वाहन धुलाई केंद्र हैं, जो पानी की बर्बादी करते हैं। कुछ स्थानों पर तो बोरिंग करा और पाइप लगा धुलाई केंद्र चल रहे हैं।

ये है जरूरी

-पैक्ड मिनरल वाटर प्लांट के लिए ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंटर्ड का लाइसेंस जरूरी।

-फूड एंड सेफ्टी एक्ट के तहत किसी मिनरल वाटर प्लांट को संचालित करने के लिए भूगर्भ जल संचय विभाग से एनओसी लेना जरूरी

-प्लांट लगाने से पहले वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था जरूरी है

-कामर्शियल एरिया में होना चाहिए प्लांट

ये है जलस्तर का आंकड़ा

भूजल विभाग ने पिछले दिनों का तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया है। शहर में लगाए गए पीजोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक 97 फीसद स्थानों पर भूजल में गिरावट दर्ज की गई है। प्री मानसून एवं पोस्ट मानसून के बाद भी जलस्तर के आंकड़े में सुधार नहीं है। विशेषज्ञों की मानें तो बारिश के बाद भूजल में कम से कम दो से तीन मीटर का सुधार होना चाहिए, जबकि ऐसा नहीं हुआ है।

भूजल दोहन की यह है स्थिति

- अति दोहित ब्लाक: बरौली अहीर, बिचपुरी, फतेहाबाद, फतेहपुरसीकरी, खंदौली, सैंया, शमसाबाद, एत्मादपुर

- क्रिटिकल ब्लाक: अछनेरा, अकोला और पूरा आगरा शहर

- सेमी क्रिटिकल ब्लाक: बाह, जगनेर, खेरागढ़

- सेफ ब्लाक: पिनाहट, जैतपुरकलां

पैक्ड पानी की बोतल का सैंपल लिया जाता है और समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है। पानी का खुला व्यापार करने वाले दायरे में नहीं आते हैं।

अमित कुमार सिंह, जिला अभिहित अधिकारी 


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