पचास साल बाद भी पंडित जी के विचार जीवंत व अजेय: राज्यपाल
राज्यपाल राम नाईक ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय को बताया महान व्यक्तित्व। आंबेडकर विवि में सीएम योगी के साथ किया उनकी प्रतिमा का अनावरण।
आगरा(जेएनएन): पंडित दीन दयाल उपाध्याय जैसे व्यक्ति कभी कभी ही जन्म लेते हैं। उनके विचार पचास साल बाद भी जीवंत और अजेय हैं। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अंत्योदय आंदोलन के प्रणेता पंडित दीन दयाल उपाध्याय को महान व्यक्तित्व कहा।
आंबेडकर विवि में पं. दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापित की गई है। मंगलवार को प्रतिमा के अनावरण के लिए राज्यपाल और सीएम योगी आदित्यनाथ आगरा आए थे। उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे भी थे। उन्होंने सबसे पहले प्रतिमा के लोकार्पण को अपना सौभाग्य बताया। कहा कि दीनदयाल उपाध्याय आंबेडकर विवि (पूर्व में आगरा विवि) के छात्र रहे। उन्होंने कहा कि विवि की गरिमा को ऊंचाइयों तक ले जाया जा रहा है। महामहिम ने कहा कि विवि में पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ग्राम विकास संस्थान शुरू हुआ है। उनके नाम पर आठ जुलाई 2016 को आगरा आकर इस भवन का शिलान्यास किया था। इस भवन का निर्माण पं. दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों पर ही किया गया है। दो वर्ष बाद आज इस भवन का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने बताया कि इस भवन की विशेषता इसका निर्माण तय समय सीमा में पूरा होना है। अन्यथा तय समय में किसी भी सरकारी कार्य का पूरा होना असंभव सा है। क्योंकि शिलान्यास पर निर्माण कार्य पूर्ण होने की जो तिथि घोषित होती है वह समय पर पूरी नहीं होती। जिससे निर्माण कार्य का खर्चा बढ़ता जाता है। यह बीमारी सब जगह है लेकिन इस भवन के निर्माण में नहीं दिखी। राज्यपाल ने इस दौरान अपना संस्मरण साझा भी किया। उन्होंने कहा कि पंडित जी को उन्होंने नजदीक से देखा था। मुंबई में तीन दिनों तक एक समारोह में पंडित जी ने अपने विचार रखे थे जिसे उन्होंने सुना था।