आगरा में 8 हजार छात्रों को झटका, इस वजह से चुकानी होगी ज्यादा फीस Agra News
बढ़ी फीस को शासन ने नहीं दिया ग्रीन सिग्नल। निजी कॉलेज वसूली को छात्रों पर बना रहे दवाब।
आगरा, जागरण संवाददाता। निजी कॉलेजों के सेल्फ फाइनेंस कोर्स में प्रवेश लेने वाले आठ हजार छात्रों को करारा झटका लगा है। शासन से डॉ. आंबेडकर विवि, डॉ. एपीजे प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से संबद्ध 47 निजी कॉलेजों के सेल्फ फाइनेंस कोर्स में प्रवेशित छात्र को सरकारी दर पर ही फीस की प्रतिपूर्ति होगी। बढ़ी फीस का शासन से अनुमोदन नहीं मिलने पर समाज कल्याण विभाग ने निजी कॉलेजों को सरकारी दर पर ही फीस देने के निर्देश दिए हैं। विभाग के इस निर्णय से आगरा में करीब आठ हजार छात्रों को झटका लगा है। छात्रों को कॉलेजों में अधिक फीस चुकानी होगी, इसके लिए अधिकांश कॉलेज प्रशासन छात्रों पर दवाब भी बना रहे हैं।
समाज कल्याण विभाग ने विभिन्न कोर्स के लिए विभिन्न विवि द्वारा निर्धारित फीस का अध्ययन किया। उसी के आधार पर शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान करने के आदेश जारी किए। आगरा मे 18 कॉलेजों में 500 छात्र एमएड कर रहे हैैं। 312 छात्र ऐसे हैं जो निजी कॉलेजों मेें एमएड कर रहे है। राजकीय व सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज में एमएड की फीस 3790 रुपये है, जबकि निजी कॉलेजों में 42700 रुपये फीस तय की गई। नियमानुसार शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान 188 छात्रों को होना था। इन छात्रों ने समाज कल्याण में ऑनलाइन आवेदन किया, पर उनके खातों मे 42700 के स्थान पर 3790 रुपये ही आए हैं, जिससे छात्र परेशान हैं। अब कई निजी स्कूल शेष फीस वसूली के लिए छात्रों पर दवाब बना रहे हैं। यही हाल अन्य कोर्स में पढ़ रहे छात्रों का भी है।
कोर्स फीस
एलएलबी 3665 रुपये
बीएलएड 21340 रुपये
बीए-एलएलबी 4365 रुपये
बीबीए 14775 रुपये
बीसीए 14775 रुपये
डीटीटीएम 17240 रुपये
एमएसडब्ल्यू 3715 रुपये
पीजीडीसीए 6440 रुपये
पीजी मॉस कम्युनिकेशन 4120 रुपये
एमपीएड 55000 रुपये
एमएड 3790 रुपये
बीलिब 14990 रुपये
बीपीएड 23725 रुपये
बीएलआई साइंस 12405 रुपये
एलएलएम 2500 रुपये
बीवॉक 18500 रुपये
एमएफए 2657 रुपये
बीएससी कृषि 2326 रुपये
एमएससी कृषि 3056 रुपये
डीएड स्पेशल 28005 रुपये
शासनादेश के अनुपालन में विभिन्न विवि द्वारा कोर्स के लिए निर्धारित फीस या राजकीय डिग्री कॉलेज या सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज द्वारा ली जा रही फीस के आधार पर ही शुल्क प्रतिपूर्ति देय है। उसी के अनुसार भुगतान किया गया है।
-परितोष श्रीवास्तव, जिला समाज कल्याण