Online हुए विभाग लेकिन यहां तो कमीशन की चलती है 'सरकार' Agra News
नगर निगम एडीए लोक निर्माण विभाग में जूनियर इंजीनियर पांच-पांच फीसद कमीशन लेते हैं। कमीशन मिलने के बाद ही फाइल को आगे बढ़ाया जाता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए हर कोशिश कर रही है। ऑनलाइन टेंडर जारी किए जा रहे हैं। धरोहर राशि (एफडीआर) भी ऑनलाइन जमा होगी और इसकी वापसी होगी, लेकिन नगर निगम हो या फिर डूडा या अन्य कोई विभाग, हर जगह कमीशन का रेट तय है। कमीशन दिया तो भुगतान, नहीं तो फाइल को लटका दिया जाता है।
प्रदेश सरकार कमीशनखोरी रोकने के लिए कई नियम बदल चुकी है। कार्यो की गुणवत्ता पर जोर दे रही है। नियमित अंतराल में इसके दिशा-निर्देश भी जारी होते हैं, लेकिन अफसरशाही के चलते कमीशनखोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। हाल यह है कि सिविल के कार्य हों या फिर विद्युत के, प्रस्ताव बनने के साथ ही कमीशन का मीटर शुरू हो जाता है। कमीशन की सरकार चलती है। नगर निगम, एडीए, लोक निर्माण विभाग में जूनियर इंजीनियर पांच-पांच फीसद कमीशन लेते हैं। कमीशन मिलने के बाद ही फाइल को आगे बढ़ाया जाता है।
जनप्रतिनिधि भी नहीं देते ध्यान
कमीशनखोरी की शिकायतें जनप्रतिनिधियों तक भी पहुंचती हैं, लेकिन इस पर ध्यान नहीं देते हैं।
शासन से की थी शिकायत
डेढ़ साल पूर्व आगरा उत्तर विस क्षेत्र के तत्कालीन विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने कमीशनखोरी के खिलाफ बिगुल फूंका था। तब उन्होंने नगर निगम में कौन सा अफसर और बाबू कितना कमीशन लेता है, इसकी शिकायत शासन में की थी। हालांकि इस पर आगे कार्रवाई नहीं हुई।
होगी मामलों की जांच
कई विभागों में कमीशनखोरी से संबंधित शिकायतें मिली हैं। मामले की जांच कराई जा रही है।
एनजी रवि कुमार, डीएम
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