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Breaking आक्रोश ने मंदिर में कैद कर दिए भगवान, गोवर्धन में नहीं कर पा रहे भक्‍त दर्शन

दूसरे दिन भी नहीं खुले दानघाटी मंदिर और मुकुट मुखारविंद मंदिर के दरवाजे। प्रशासन की कार्रवाई का जमकर विरोध।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 02:22 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 02:22 PM (IST)
Breaking आक्रोश ने मंदिर में कैद कर दिए भगवान, गोवर्धन में नहीं कर पा रहे भक्‍त दर्शन
Breaking आक्रोश ने मंदिर में कैद कर दिए भगवान, गोवर्धन में नहीं कर पा रहे भक्‍त दर्शन

आगरा, जेएनएन। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर अतिक्रमण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में निशाने पर आए दानघाटी मंदिर के आरती स्थल से आक्रोशित सेवायतों ने दानघाटी गिरिराज के दरवाजे गुरुवार को बंद कर दिए। मुकुट मुखारविंद मंदिर के सेवायतों ने मंदिर की ही शाखा हरगोकुल मंदिर और गेस्ट हाउस के टूटने के अंदेशा से मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए। दोनों मंदिरों के भगवान मंदिरों में कैद होकर रह गए। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु दर्शनों से वंचित होकर निराश लौटे। मंदिरों के खुलने पर अभी सेवायतों ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की तथा अनिश्चित कालीन बंद की बात कही है।

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बुधवार को एसडीएम गोवर्धन नागेंद्र सिंह ने सरकारी अमला के साथ दानघाटी मंदिर के सामने बने आरती स्थल को जमींदोज कर दिया। जिससे सेवायतों में आक्रोश पनप गया और दानघाटी मंदिर के दर्शनों पर पाबंदी लगाते हुए दरवाजे बंद कर दिए। गुरूवार को भी मंदिरों के प्रवेश पर बंद दरवाजों का पहरा था। मुकुट मुखारविंद गिरिराजजी मंदिर के भी दरवाजे नहीं खुले। सेवायतों द्वारा हरगोकुल मंदिर पर एक चेतावनी बोर्ड भी लगाया गया है, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा स्टे देने का हवाला दिया गया है। हालांकि जतीपुरा गिरिराजजी इस बंद से अछूते रहे। इस इस मंदिर पर रोजाना की भांति भक्त सेवा पूजा करते रहे। सेवायत टकराव की राह पर हैं, और अनिश्चित कालीन बंद पर अड़े हैं। सेवायत इस लड़ाई को लंबी खींचने के मूड़ में हैं। मंदिर के दरवाजे खोलने से वह साफ इंकार कर रहे हैं। विरोध का दंश भक्तों को झेलना पड़ रहा है। अपनी मन्नत लेकर भगवान के दर पर पहुंचने वालों को भगवान के घर से निराश लौटना पड़ रहा है। जबकि मुकुट मुखारविंद मंदिर के सेवायतों का एक पक्ष जोकि न्यायालय में वादी भी है, मंदिर बंद का विरोध कर रहा है, तथा किसी भी तरह के स्टे होने से इंकार कर रहा है। यह पक्ष भी रणनीति तैयार कर रहा है। तथा मंदिर बंद को इन्होंने अवैध करार दिया है। इस पक्ष का मानना है कि गोवर्धन पर्वत को सुरक्षित करने के लिए एनजीटी और प्रशासन के कदम पर वह साथ हैं तथा सहयोग को तैयार हैं। दानघाटी मंदिर सेवायत रामेश्वर कौशिक ने कहा कि प्रशासन के मनमाने रवैया के खिलाफ मंदिर के दरवाजे बंद किए गए हैं, अभी यह अनिश्चित कालीन बंद हैं। जल्द आगामी रणनीति बनाई जाएगी। मुकुट मुखारविंद मंदिर सेवायत मनोज लंबरदार ने कहा कि प्रशासन हरगोकुल मंदिर और गेस्ट हाउस तोडना चाहता है। इसलिए मंदिर के दरवाजे बंद कर प्रशासन का विरोध किया जा रहा है। अनिश्चित कालीन बंद पर मंदिरों के सेवायत एक बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करेंगे।

'सेवायतों द्वारा मंदिर बंद के फैसले पर उनका समर्थन और विरोध दोनों नहीं है। ध्वस्तीकरण के बाद प्रशासन इसमें क्या बनाना चाहता है, यह बात स्पष्ट करनी चाहिए। अगर उनकी मंशा सही हुई तो वह प्रशासन के सहयोग को तैयार हैं'।

रमाकांत गोस्वामी

रिसीवर, मुकुट मुखारविंद मंदिर

'सेवायतों ने अपने विवेक से बंद का फैसला लिया है। प्रशासन इसमें मनमानी कर रहा है। वह सेवायतों के साथ हैं'।

डालचंद चौधरी

प्रबंधक, दानघाटी मंदिर 


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