कीड़ा नहीं आफत है ये, ताज के संगमरमरी हुस्न पर फिर नजर आने लगे दाग Agra News
यमुना किनारे की तरफ पच्चीकारी व दीवारों पर नजर आए निशान। यमुना की गंदगी में पनपे गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा छोड़े गए हैं दाग।
आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना की गंदगी में पनपे कीड़े गोल्डीकाइरोनोमस ने ताज की सतह पर एक बार फिर दाग छोड़ दिए हैं। यमुना किनारे की तरफ स्थित दीवारों व पच्चीकारी पर इन्हें देखा जा सकता है। बारिश के बाद कीड़े द्वारा छोड़ी गई गंदगी के बहने से स्मारक की सतह पर हरे रंग के निशान बन गए हैं। इससे स्मारक की छवि खराब हो रही है।
गोल्डीकाइरोनोमस यमुना में गंदगी की वजह से पनपता है। अब तक स्मारक पर इसे नवंबर के मध्य तक देखा गया था। इस बार यह नवंबर के अंत में भी नजर आया है। कीड़े द्वारा ताज की सतह पर छोड़ी गई गंदगी की वजह से यमुना की तरफ स्थित स्मारक के उत्तरी आर्र्च में दीवारों पर हो रही पच्चीकारी पर गहरे भूरे व हरे रंग के दाग नजर आ रहे हैं। 28 नवंबर को बारिश में गंदगी के घुलने की वजह से यह जगह-जगह देखे जा सकते हैं। स्मारक की सतह पर लगे निशानों के बारे में पर्यटक गाइडों से सवाल कर रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रसायन शाखा द्वारा उन्हें पानी से धोकर साफ कराया जाएगा।
वर्ष 2015 में सबसे पहले आए थे नजर
गोल्डीकाइरोनोमस द्वारा ताज की सतह पर छोड़ी गई गंदगी के हरे व काले रंग के दाग वर्ष 2015 में गर्मियों में स्मारक की उत्तरी आर्च में सतह पर नजर आए थे। सितंबर, 2015 में मडपैक के बाद यह साफ हो गए थे। अक्टूबर में यह एक बार फिर नजर आए और दिन-प्रतिदिन बढ़ते चले गए। नवंबर के मध्य में यह गायब हो गए थे और अप्रैल, 2016 में एक बार फिर दिखे थे। एएसआइ द्वारा की गई जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ था कि इनकी गतिविधि तापमान के 28 से 35 डिग्री से. के बीच में रहने पर होती है। कीड़ों द्वारा छोड़ी गई गंदगी ताज के संगमरमर के लिए तो नुकसानदेय नहीं है, लेकिन स्मारक पर दाग जरूर लगाती है।