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नाजुक पलों में गुरु बन जाता है गूगल, सुसाइड टाइप पर करता है अलर्ट

ऐसे शब्दों पर जल्द प्रतिक्रिया देता सर्च इंजन। बचाव की भूमिका में दिखाता हेल्पलाइन नंबर।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 05:43 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 05:43 PM (IST)
नाजुक पलों में गुरु बन जाता है गूगल, सुसाइड टाइप पर करता है अलर्ट
नाजुक पलों में गुरु बन जाता है गूगल, सुसाइड टाइप पर करता है अलर्ट

आगरा, जेएनएन। दुनियाभर का ज्ञान समेटे गूगल महज सर्च इंजन नहीं है। नाजुक पलों में भी यह गुरू की भूमिका निभाता है और आपको सही राह दिखाता है। तभी तो अगर इस पर आपने सुसाइड टाइप करने की हिमाकत की, तो यह अलर्ट मोड में आ जाएगा और सावधान करने लगेगा। यही नहीं मदद के लिए हेल्प लाइन नंबर भी दिखाने लगेगा। इसको दबाते ही पुलिस आपके घर पहुंच सकती है।

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लोगों में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर युवाओं में। किसी में पढ़ाई का प्रेशर है तो किसी में पारिवारिक परिस्थितियों का। ऐसे में लोग आत्महत्या जैसा घातक उठाने लगे हैं। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। कुछ तो ऐसे हैं, जो गूगल पर आत्महत्या के तरीके ढूंढते हैं। इसको देखते हुए सर्च इंजन बचाव की भूमिका निभाता है। सुसाइड या इससे तौर तरीके जानने पर यह सावधान करता है। मोटे अक्षरों में हेल्प लाइन नंबर शो करता है। इस नंबर को डायल करते ही पुलिस भी आपके घर आ सकती है।

केस-1 

भरतपुर के गांव मोरौली निवासी 22 वर्षीय हेमराज पुत्र समय ङ्क्षसह तीन साल से कोटा में मेडीकल की तैयारी कर रहा था, करीब 12 लाख रुपये खर्च हो चुके थे, पर सफल नहीं हो पा रहा था। इससे हेमराज डिप्रेशन में था। डिप्रेशन में आए युवक ने एक धर्मशाला में जहर खाया और फंदे से लटककर जान दे दी। 

केस-2

छाता क्षेत्र में हाईवे स्थित एक कालेज में मैनपुरी के करहल स्थित मोहल्ला बाजार निवासी मुुकेश यादव की 22 वर्षीय बेटी और एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा अंजली यादव ने गल्र्स हॉस्टल के छात्रावास स्थित मनरंजन कक्ष संख्या 20 में लगे पंखे से रस्सी का फंदा लगाकर फांसी लगा ली। उसकी मौत हो गई। 

आकांक्षा बढऩा कारण

शिक्षा मनोविद डॉ. संजीव कुमार सिंह का कहना है कि सुसाइट के बहुत से कारण हैं, लेकिन सोशल मीडिया के बाद से लोगों में एक्सपोजर काफी बढ़ा है। उनकी आकांक्षाओं के स्तर में काफी इजाफा हो गया है। जल्द पाने की हसरत और न मिलने के चक्कर में डिप्रेशन बढ़ रहा है। इसलिए लोग गलत कदम उठाने लगे हैं। ऐसे में लोगों को काउंसलर की सहायता लेनी चाहिए।

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