हड़ताल पर धरती के भगवान, कैसे मिले मरीजों को जीवनदान
पांच जूनियर डॉक्टरों को हिरासत में लिया पुलिस ने। चिकित्सक कर रहे दोषी चिकित्सकों के खिलाफ।
आगरा(जेएनएन): एसएन मेडिकल कॉलेज, जहां सैंकड़ों की तादात में प्रतिदिन मरीज आते हैं। अभावों में जीवन यापन करने वाले दूर दराज के मरीज हों या जिंदगी की अंतिम आस लेकर आने वाले गंभीर रोगी। हर कोई प्रदेश के इस सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज से उम्मीदें लगाए आता है। यहां के चिकित्सक भी दिन रात एक कर मरीज का इलाज कर उसे जीवन दान देने का प्रयास करते हैं। लेकिन शनिवार देर से यहां की स्थिति इससे बिल्कुल विपरीत दिखाई दे रही है। एक विवाद और यहां की हर बात पलट गई है। मरीजों के इलाज में व्यस्त रहने वाले उन्हें वार्डों से निकाल बाहर कर रहे थे। तमाम मरीजों और तीमारदारों को इमरजेंसी से निकाल बाहर कर दिया।
आक्रोश इतना था कि आठ माह के बालक को भी इमरजेंसी वार्ड से बाहर दरवाजे पर लाकर डाल दिया। मैनपुरी के रहने वाले मान सिंह के आठ माह के पुत्र पीलियाग्रस्त था। रात भर मां की गोद में वो सड़क पर पड़ा रहा। सुबह कुछ डॉक्टरों का मन पसीजा तो उसे मेडिकल कॉलेज के वार्ड में शिफ्ट किया। गुस्सा अभी थमा नहीं था। रात में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल आए तीन लोगों का भी इलाज करने से इंकार कर दिया। जिला अस्पताल ले जाओ कहकर एक- एक कर करीब 20 मरीजों को लौटाकर जिला अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस और जूडा की लड़ाई का मैदान बनी एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी पिछले कुछ घंटों के दौरान विवाद की इमरजेंसी बन चुकी है। जूडा अपनी मांगों में व्यस्त है। मरीजों का इलाज न खुद कर रहा है और न ही इमरजेंसी में भर्ती होने दे रहा है वहीं मरीज धरती के भगवान की इस बेरुखी से परेशान हो रहे हैं।
इमरजेंसी के दरवाजे पर जहां एंबुलेंस और मरीजों के तीमारदार खड़े रहते हैं वहां जूडा हड़ताल पर बैठी है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जिन डॉक्टरों ने दिल्ली गेट स्थित होटल में तोड़फोड़ की उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो लेकिन जिन पुलिसकर्मियों ने एसएन इमरजेंसी में आकर जूडा से बदसलूकी की और लठियाए उन्हें बख्शा नहीं जाए।
उधर एसपी सिटी और एडीएम एसएन के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ हरिपर्वत थाने पर बैठक कर समझौते का प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि शनिवार देर रात दिल्ली गेट स्थित एक होटल में कुछ जूनियर डॉक्टर साथी का जन्मदिन मनाने पहुंचे थे। यहां होटल के स्टाफ के साथ जूडा का विवाद हो गया। गुस्साए डॉक्टरों ने होटल में तोड़फोड़ कर दी थी। होटल प्रबंधन ने पुलिस को सूचित कर बुलाया तो डॉक्टरों ने दारोगा और सिपाही के साथ मारपीट कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पांच जूनियर डॉक्टरों को हिरासत में ले लिया। एसएन इमरजेंसी में जूडा को जानकारी हुई तो वे एमजी रोड पर आकर धरना देने और मरीजों को बाहर निकालने लगे थे। इमरजेंसी और मेडिकल कॉलेज की ओपीड़ी बंद है।