12 वर्षीय सतीश बोला, भैया मुझे क्यों मार रहे हो..
बचने को मासूम गुहार पर नहीं पसीजे क्रूर कातिल, पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार किया
आगरा, जागरण संवाददाता। भैया मुझे क्यों मार रहे हो.। मैंने तो कुछ नहीं किया। इतना ही बोल पाया था 12 साल का सतीश। जिसे वह भैया बोलता था वह रुपये के लालच में क्रूर कातिल रूप में सामने था। खुद न संभला तो साथी को भी बुला लिया। दोनों ने गला दबाकर उसे मार डाला। पुलिस गिरफ्त में आने के बाद जब हत्यारोपितों ने हत्या की कहानी बताई तो सभी गम और गुस्से से लाल हो गए।
फतेहपुर सीकरी के मंडी गुड़ से 21 दिसंबर की शाम सात बजे 12 वर्षीय सतीश का उसके पड़ोस में रहने वाले सुभाष और सुरेश ने अपहरण किया था। उनका घर आना-जाना था इसलिए वह उन्हें जानता था। चाऊमीन खिलाने के बहाने वे बच्चे को साथ ले गए थे इसके बाद हत्या कर दी। पुलिस की गिरफ्त में आए सुरेश ने बताया कि पूरी योजना सुभाष ने बनाई थी। उसने पहले ही तय कर लिया था कि अपहरण कर हत्या करने के बाद फिरौती को कॉल करेगा। इसीलिए उसे बाईपास की ओर ले गए। बाइक पर साथ जाने में बच्चे को कोई शक नहीं हुआ। उन्होंने बहाने से सतीश को पुलिया के नीचे घुसा दिया। इसके बाद अंगोछे से गला घोंटा। गले में अंगोछा पड़ते ही सतीश ने उनके इरादे भांप लिए। उसने बचने को गुहार लगाई। मगर, कातिलों के हाथ नहीं कांपे। दोनों ने अंगोछे को पकड़कर खींच दिया। आरोपितों का कहना था कि उन्हें पकड़े जाने का कोई डर नहीं था। उन्होंने सोचा था कि फिरौती के रुपये मिलते ही कहीं बाहर चले जाएंगे।
सतीश के स्कूल में हुआ शोकावकाश
सतीश की अपहरण कर हत्या करने की जानकारी उसके स्कूल में भी मिल गई। इसके बाद स्कूल में शोकावकाश हो गया। सोमवार को स्कूल के गेट पर ताला लटका था।
भतीजे का होना था अपहरण
सुभाष ने पहले सतीश केबडे़ भाई एसआईएस कर्मी शिव सिंह के ढाई वर्षीय पुत्र के अपहरण की योजना बनाई थी। आरोपितों का कहना है कि उसमें असफल होने के बात सतीश का अपहरण करके हत्या कर दी।
गाव की गलियों में सन्नाटा
अपहृत बालक का शव बरामद होने के बाद गाव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं बच्चे घरों में ही रहे। मृत बालक के परिवार की महिलाओं का करुण क्रन्दन सन्नाटे को चीरता रहा हैं। वह तीन भाइयों में सबसे छोटा था।