'गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल' वायरस का अटैक, निपाह की दहशत
आगरा : गर्मी और उमस में 'गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल' ग्रुप ऑफ वायरस का अटैक हो गया है। इससे काफी लोग बीमार हैं।
आगरा (जागरण संवाददाता): गर्मी और उमस में 'गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल' ग्रुप ऑफ वायरस (पेट में संक्रमण करने वाले वायरस) सक्रिय हो गए हैं। इनके संक्रमण से पेट में सूजन, दर्द, डायरिया, उल्टी के साथ तेज बुखार आ रहा है। सरकारी और निजी क्लीनिक पर पहुंच रहे बुखार के मरीज निपाह वायरस से भी डरे हुए हैं। वे डॉक्टरों ने निपाह वायरस से बचने के उपाय पूछ रहे हैं।
45 डिग्री सेल्सियस तक पारा पहुंचने के साथ दूषित खाद्य पदार्थो से 'गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल' वायरस का संक्रमण होने लगा है। हेपेटोट्रॉपिक वायरस (वायरल हेपेटाइटिस) पेट में पहुंचते ही पेट दर्द से लेकर लिवर में संक्रमण तक कर रहे हैं। इससे तेज बुखार आ रहा है। इस मौसम में बच्चों में रोटा वायरस का संक्रमण देखने को मिल रहा है। वायरल बुखार भी तीन से पांच दिन में सही नहीं हो रहा है, इस बार बुखार सात से 10 दिन तक चल रहा है। ऐसे में मरीज बुखार सही न होने पर डॉक्टर बदल रहे हैं।
सोशल मीडिया ने फैलाई निपाह वायरस की दहशत
निपाह वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर दहशत फैलाई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस शॉर्ट पीरियड के लिए रहता है। दक्षिण भारत से निपाह वायरस संक्रमित मरीज के यहां आने पर ही बीमारी फैलने का खतरा है। मगर, वायरस के संक्रमण के तीन से 14 वे दिन के अंदर गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, ऐसे मरीज ज्यादा दूर ट्रेवल नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही फलों से बीमारी फैलने के संदेश भी चल रहे हैं, फल किसी पक्षी के द्वारा खाए हुए हैं तो उनका सेवन नहीं करना चाहिए।
वायरस संक्रमण से बचने के लिए ये करें
- बाजार के खाद्य पदार्थ, जूस, कटे हुए फल और बासी खाना ना खाएं।
- खाली पेट घर से ना निकले, इससे धूप में जाने पर चक्कर आ सकते हैं।
- घर से बाहर निकलते समय पानी का खूब सेवन करें, दूषित पानी, कोल्ड ड्रिंक का सेवन ना करें। वायरल फीवर और डायरिया में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, इसके लिए एंटी वायरल नहीं हैं। ऐसे में तरल पदार्थ का अधिक से अधिक सेवन और आराम करना चाहिए।
डॉ. जेएन टंडन, बाल रोग विशेषज्ञ इस मौसम में गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ग्रुप ऑफ वायरस लोगों को बीमार कर रहे हैं, पेट में सूजन, डायरिया के साथ बुखार आ रहा है। इससे बचने के लिए खान पान का विशेष ध्यान रखे।
डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ, फिजीशियन हेपेटोट्रॉपिक वायरस के साथ रोटा वायरस का असर दिखाई दे रहा है। ये वायरस कुछ दिन तक सक्रिय रहेंगे, इससे पेट संबंधी समस्या होने के साथ लिवर में सूजन आ जाती है।
डॉ. अंकुर गोयल, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी विभाग एसएन मेडिकल कॉलेज