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Gardening Tips : ये 5 पौधे, जिनकी पत्तियाें से ही उगा सकते हैं पूरा प्लांट, बस बरतें ये सावधानी

स्नेक प्लांट बहुत ही कॉमन पौधा है जिसे पत्तियों से प्रोपेगेट किया जाता है। अगर आपके पास इसकी एक इंच की भी पत्ती है तो भी आप इससे पौधा लगा सकते हैं। स्पाइडर प्लांट एलोवेरा जेड प्लांट मनी प्लांट क्रोटन एचिवीरिया कैलेंचो आदि को भी पत्तियों से लगा सकते हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 04:46 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 04:46 PM (IST)
Gardening Tips : ये 5 पौधे, जिनकी पत्तियाें से ही उगा सकते हैं पूरा प्लांट, बस बरतें ये सावधानी
दर्जन भर से अधिक हैं वो बगियां जो धूप देते हैं बिना किसी भेदभाव के।

आगरा, जागरण संवाददाता। मौसम के बिगड़े मिजाज और लॉकडाउन में लगी एक अच्छी आदत ने हमें प्रकृति प्रेमी बहुत हद तक बना दिया है। लोग अब अपने घरों कम जगह के बावजूद भी सुंदर भले ही छोटी सी बगिया सजाने लग गए है। बाजार से पौध लाकर गमले में सजाना, बड़ा ही सुकून देता है। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ पौधे एेसे भी हैं जिनकी सिर्फ पत्तियों से कम चल जाता है। गमले में लगा तो वो स्वतः ही अपनी जड़ें बना लेती हैं। हॉर्टिकल्चरिस्ट अनीता यादव के अनुसार स्नेक प्लांट, एलोवेरा, जेड प्लांट एेसे पौधों की पत्तियां हैं जिन्हें गमले में लगाकर आप नयी पौध तैयार कर सकते हैं।

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1- एलोवेरा

देश के अलग-अलग क्षेत्रों में एलोवेरा को घृतकुमारी, ग्वारपाठा, घीग्वार जैसे नामों से जाना जाता है। यह ऐसा औषधीय पौधा है, जिसे गमले में भी काफी आसानी से उगाया जा सकता है। इसे आप इसकी पत्ती की कटिंग से भी लगा सकते हैं। इसको लगाते समय ध्यान रखें कि सबसे पहले आप एलोवेरा की पत्ती की कटिंग लें। इसे सूखने के लिए किसी छांव वाली जगह पर रख दें ताकि इसमें जो कट लगा है, वह सूख जाए। सूखने के बाद इसे पॉटिंग मिक्स में लगाएं और स्प्रे करके पानी दें। इसमें जड़े बनने में लगभग एक महीने तक का समय लग सकता है। इसलिए धैर्य रखें। लेकिन जब पत्ती ऊपर की तरफ बढ़ने लगे तो आप समझ सकते हैं कि जड़ बनने की शुरुआत हो चुकी है।

2- स्नेक प्लांट

हवा को शुद्ध करनेवाला यह पौधा एक ही कटिंग से विकसित हो जाता है। इसे आप मिट्टी या पानी में लगा सकते हैं। सबसे पहले आप एक पत्ते को लें, साफ़ करके इसे नीचे से सीधा काट लें। अब इस बड़ी पत्ती में से आप और एक-दो कटिंग कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि नीचे का हिस्सा कौन सा है। आप कोई छोटा/मध्यम आकार का गमला ले लें। गमले के तले में छेद होना चाहिए, जिस पर आप कोई कंकड़ या दिया रख दें और इसमें पॉटिंग मिक्स भरें। अब इसमें पौधे से ली हुई कटिंग लगा दें। स्प्रे करके पानी दें। यह इंडोर प्लांट है तो इसे छांव वाली जगह पर ही रखें। इसकी पत्तियों को विकसित होने में एक महीने या इससे ज्यादा समय लग सकता है।

3- जेड प्लांट

जेड प्लांट सक्यूलेंट की किस्म है और इसे पत्तियों से लगाना बहुत ही आसान है। सक्यूलेंट पौधों की कुछ प्रजातियां, सजावटी पौधों के तौर पर उपयोग में आती हैं, तो कुछ घर की हवा को शुद्ध करने में सहायक होती हैं। सबसे पहले जेड प्लांट की पत्तियां लें और इन्हें एक-दो दिन छांव में सुखाएं। *अब किसी चौड़े कंटेनर को लें, जिसके तले में छेद हों। इसमें पॉटिंग मिक्स भर दें। कंटेनर में पॉटिंग मिक्स भरने से पहले, छेद पर आप कोई पत्थर रख सकते हैं। पॉटिंग मिक्स भरने के बाद, आप पत्तियों को इसके ऊपर रख दें। इसके ऊपर से थोड़ा सा पानी स्प्रे कर दें। कंटेनर को ऐसी जगह रखें, जहां सीधी धूप न पड़े, लेकिन रौशनी अच्छी आती हो। पानी देते समय भी आपको ध्यान रखना है कि पानी बहुत ज्यादा न हो, क्योंकि ज्यादा पानी से पत्तियां गल जाएंगी। पत्तियों को विकसित होने में 15 दिन से एक महीने तक का समय लग सकता है।

4- पत्थर चट्टा

पत्थर चट्टा भी औषधीय पौधों की सूची में शामिल होता है। यह दिखने में अच्छा लगता है और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत गुणकारी होता है। इसकी पत्तियों के किनारे पर छोटी-छोटी बड्स आती हैं। जिन्हें आप अगर गमले में ही डाल दें तो इनसे भी पौधे लग जाते हैं। इसके अलावा आप किसी पत्ती की कटिंग ले लें। पत्ती की कटिंग लेकर इसे एक-दो दिन छांव में सूखा लें ताकि जहां से काटी गयी है, वह जगह सूख जाए। अब एक छोटा गमला लें और इसमें पॉटिंग मिक्स भरें। कटिंग को लगाएं और स्प्रे करके पानी दें। ध्यान रहे कि पानी जरूरत के हिसाब से हो ताकि पत्ती गले नहीं। कटिंग को विकसित होने में 15 से 20 दिन लग जाते हैं।

5- रबर प्लांट

यह इंडोर प्लांट है, जो सजावटी होने के साथ-साथ हवा को शुद्ध भी करता है। इसकी ज्यादातर दो किस्में आपको मिल जाएंगी। इसे भी आप पत्तियों से लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक मध्यम आकार का गमला लें। इसमें पॉटिंग मिक्स भरें और रबर प्लांट की पत्ती को लगा दें। ध्यान रहे कि हमेशा स्प्रे करके पानी दें। इसे रौशनी वाली जगह में रखें, लेकिन उस जगह सीधी धूप न पड़ती हो। इसे विकसित होने में 15 से ज्यादा दिन का समय लग सकता है।  


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