गंगाजल का प्रेशर नहीं झेल सकेंगी पाइप लाइन
आगरा: गंगाजल की अड़चनें दूर होने का नाम नहीं ले रही। 40 फीसद पाइप लाइनें पानी का प्रेशर झेलने लायक नहीं हैं।
आगरा: गंगाजल की अड़चनें दूर होने का नाम नहीं ले रही। 40 फीसद पाइप लाइनें पानी का प्रेशर झेलने के लायक ही नहीं हैं। इसके चलते लाइनों में अधिक मात्रा में पानी नहीं छोड़ा जा सकता है।
जल संस्थान की मानें तो शहर में 527 किमी लंबी पानी की पाइप लाइनें हैं। 70 फीसद राइजिंग लाइन (मुख्य लाइन) 40 साल या फिर इससे ज्यादा पुरानी है। यमुना नदी में पानी की कमी रहती है। पानी का प्रेशर कम रहता है, लेकिन जीवनीमंडी को हर दिन 200 एमएलडी गंगाजल मिलेगा। इसमें 25 एमएलडी यमुना नदी से पानी लिया जाएगा। यानी प्लांट की क्षमता 225 एमएलडी के हिसाब से पानी की आपूर्ति होगी। इसके विपरीत वर्तमान में 125 से 140 एमएलडी पानी की हर दिन आपूर्ति हो रही है। सूत्रों के अनुसार जीवनी मंडी वाटरवर्क्स से जिन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति हो रही है। वहां सबसे ज्यादा दिक्कतें आएंगी। वहीं सिकंदरा स्थित पुराने प्लांट की राइजिंग लाइन चार साल से बंद है। गंगाजल मिलने के बाद यह लाइन चालू होगी। - जीवनी मंडी रोड की पाइप लाइन 70 साल से ज्यादापुरानी है। हर माह 13 से 15 लीकेज होते हैं। इससे आसपास के क्षेत्रों में जलापूर्ति प्रभावित रहती है।
रवि माथुर, वरिष्ठ पार्षद - कचहरी घाट व उसके आसपास के क्षेत्रों में पुरानी पाइप लाइन है। आए दिन लीकेज हो जाता है। गंगाजल मिलने से दिक्कत और भी बढ़ेगी।
राकेश जैन, वरिष्ठ पार्षद - शहर में अधिकांश राइजिंग लाइन पुरानी हैं। गंगाजल की आपूर्ति तेज प्रेशर से नहीं की जा सकती। पानी का प्रेशर कम करने के लिए पाइप लाइनें बदलवाई जाएंगी।
नवीन जैन, मेयर