वाटरवर्क्स चौराहे पर ट्रेंचलेस तकनीक से बिछेगी गंगाजल लाइन
आगरा: गंगाजल की पाइप लाइन बिछाने में ट्रेंचलेस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा ताकि लोगों को जाम का सामना न करना पड़े।
आगरा(जागरण संवाददाता) : गंगाजल की पाइप लाइन बिछाने में ट्रेंचलेस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। यह पहला मौका है जब जल निगम द्वारा वाटरवर्क्स चौराहे पर ट्रेंचलेस तकनीक से गंगाजल की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। डेढ़ माह के भीतर लाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। इस तकनीक के प्रयोग से फ्लाईओवर के नीचे खोदाई नहीं करनी होगी। इससे जाम के झाम से लोगों को राहत मिलेगी।
पालड़ा फाल बुलंदशहर से कैलाश मंदिर आगरा तक गंगाजल लाइन बिछाई जा रही है। यहां से एक लाइन एमबीबीआर प्लांट और दूसरी जीवनीमंडी वाटरवर्क्स के लिए जाएगी। जीवनीमंडी वाटरवर्क्स के लिए लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। दयालबाग में लाइन बिछ चुकी है, जबकि कमलानगर, बल्केश्वर के कुछ हिस्सों में काम चल रहा है। जेसीबी से 60 फीट से अधिक गहरी खोदाई की जा रही है। अतिथिवन से जीवनी मंडी वाटरवर्क्स तक ट्रेंचलेस तकनीक से लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए मिट्टी की जांच कराई जा रही है।
नगरायुक्त अरुण प्रकाश के अनुसार वाटरवर्क्स फ्लाईओवर के नीचे गहरी खुदाई से समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। इससे जाम लगेगा और लोगों को परेशानी होगी। ट्रेंचलेस तकनीक से गंगाजल की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। पीएनजी लाइन में प्रयोग
ग्रीन गैस कंपनी द्वारा पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) लाइन बिछाने और मोबाइल कंपनियों द्वारा लाइन बिछाने में ट्रेंचलेस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें खोदाई की जरूरत नहीं पड़ती है। दस-दस मीटर की दूरी पर गड्ढा किया जाता है। मशीन की मदद से अंडरग्राउंड पाइप डाले जाते हैं। एनएचएआइ करेगा मदद
लाइन बिछाने के कार्य में जल निगम पहली बार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की मदद लेगा। 127 किमी की बिछ चुकी है लाइन बुलंदशहर से आगरा तक 130 किमी लाइन बिछाई जा रही है। इसमें 127 किमी लाइन बिछ चुकी है। दो किमी में जल्द लाइन बिछाने का काम शुरू होगा, जबकि एक किमी की लाइन बिछाई जा रही है। हर दिन दो से तीन पाइप डाले जा रहे हैं।