Museum in Agra: ब्रज की संस्कृति और बिजनेस प्लान तय करेगा आगरा म्यूजियम का भविष्य
मुगल म्यूजियम अब छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर होने का फैसला। 70 फीसद हो चुका है काम ब्रज क्षेत्र पर अाधारित होगा।
आगरा, निर्लोष कुमार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ताजनगरी में बन रहे मुगल म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करने के निर्देश दिए हैं। म्यूजियम का भविष्य बिजनेस प्लान पर निर्भर है। पहले जहां म्यूजियम आगरा तक ही सीमित रहना था अब उसमें पूरा ब्रज समाहित होगा। ब्रज की संस्कृति, कलाकृतियों, इतिहास, लोक कलाओं, खान-पान आदि को इसमें स्थान मिलेगा।
सोमवार को आगरा मंडल की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम करने के निर्देश दिए थे। शिल्पग्राम के नजदीक बन रहे म्यूजियम का 70 फीसद काम पूरा हो चुका है। यहां भवन का स्ट्रक्चर (बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर) बनकर तैयार हो चुका है। इसमें मार्बल फ्लोरिंग, वॉल क्लैडिंग, साइट डवलपमेंट, विद्युतीकरण, फायर फाइटिंग, लिफ्ट आदि लगाई जानी हैं। जनवरी से यहां काम बंद है। दरअसल, पिछले वर्ष 21 सितंबर को आए पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने म्यूजियम के भवन के औचित्य पर सवाल खड़े किए थे। 16 जनवरी को लखनऊ में म्यूजियम के लिए बजट जारी करने को हुई बैठक में उन्होंने आर्किटेक्ट फर्म आरकॉम को बिजनेस प्लान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, जिससे कि म्यूजियम का संचालन व देखरेख की जा सके। बिजनेस प्लान में ही म्यूजियम में प्रदर्शित की जाने वाली कलाकृतियों, वस्तुओं आदि को तय किया जाएगा। अब तक बिजनेस प्लान तैयार नहीं हुआ है, जबकि वो सबसे महत्वपूर्ण है। म्यूजियम अब छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर होगा, इसलिए उनसे संबंधित दस्तावेजों, कलाकृतियों, इतिहास आदि को भी प्लान में शामिल करना होगा। उपनिदेशक पर्यटन अमित ने बताया कि म्यूजियम का बिजनेस प्लान मुख्यालय स्तर पर तैयार कराया जा रहा है। म्यूजियम में पूरे ब्रज क्षेत्र को शामिल किया जाएगा।
हस्तशिल्पियों को मिलेगा स्थान
विश्व बैंक सहायतित प्रो-पुअर टूरिज्म डवलपमेंट प्राेजेक्ट के तहत म्यूजियम में हस्तशिल्पियों को भी स्थान देने की योजना है। इससे यहां आने वाले पर्यटक शहर के परंपरागत मार्बल इनले वर्क, लेदर क्राफ्ट व अन्य शिल्पों के बारे में जान सकेंगे।
11.47 करोड़ रुपये की डीपीआर ड्रॉप
म्यूजियम में प्रदर्शित की जाने वाली कलाकृतियों और ऑडियो-वीडियो गैलरी के लिए राजकीय निर्माण निगम ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई थी। 11.47 करोड़ रुपये से म्यूजियम में आठ गैलरी, बच्चों के लिए प्ले एरिया आदि बनाए जाने थे। गैलरी में आगरा के द्वापर युग से अकबर तक के समय के इतिहास, वास्तुकला, स्मारकों, शहर की संस्कृति, खान-पान, माहौल, शिल्पकला, पुराने फैशन आदि की जानकारी दी जाती। इस डीपीआर को ड्रॉप कर दिया गया है।
बिजनेस प्लान
सरकार म्यूजियम के शुरू होने के बाद उसके संचालन व देखरेख पर होने वाले व्यय को लेकर चिंतित है। म्यूजियम की देखरेख व संचालन पर होने वाले व्यय की पूर्ति के लिए आर्किटेक्ट को बिजनेस प्लान तैयार करने को जनवरी में कहा गया था। बिजनेस प्लान में ही म्यूजियम में प्रदर्शित की जाने वाली कलाकृतियों, वस्तुओं आदि के बारे में जानकारी आर्किटेक्ट को देनी है।
हाईलाइटर
-पर्यटकों के लिए शहर में आकर्षण विकसित करने को मुगल म्यूजियम बनाने की योजना वर्ष 2015 में बनी।
-पांच जनवरी, 2016 को ताज खेमा में हुए कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिलान्यास किया।
-शिल्पग्राम के नजदीक विद्युत विभाग की सीमेंटेड पोल फैक्ट्री की 5.9 एकड़ जमीन पर हो रहा है निर्माण।
-राजकीय निर्माण निगम ने इसे बनाने का जिम्मा टाटा प्रोजेक्ट्स को दे रखा है।
-उप्र का पहला सरकारी भवन, जिसमें प्री-कास्ट टेक्नीक प्रयोग में लाई गई।
-31 मई, 2017 तक पूरा किया जाना था प्रोजेक्ट, लेकिन प्री-कास्ट टेक्नीक विलंब की वजह बनी।
-शुरुआत में योजना की लागत 141.89 करोड़ रुपये तय हुई थी। बाद में जीएसटी लागू होने और निर्माण में विलंब होने से लागत बढ़ने पर कॉस्ट रिवाइज होकर 172 करोड़ रुपये हो गई। इसे अभी स्वीकृति नहीं मिली है।
-योजना पर अब तक 94 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
-बजट नहीं मिलने से जनवरी से काम बंद है।