जिस दूध को समझ रहे हैं सेहत के लिए वरदान, कहीं वो आफत तो नहीं Agra News
मुनाफे के लालच में हो रही धड़ल्ले से मिलावट। नमूनों में किसी में निकला अत्यधिक ग्लूकोज तो किसी में यूरिया।
आगरा, जागरण संवाददाता। दूध का सेवन हर घर में होता है, लेकिन सतर्क रहने की सख्त जरूरत है। कहीं ऐसा न हो कि जिस दूध को आप और आपका परिवार पी रहा है वह मिलावटी हो। अधिकांश विक्रेता दूध में मिलावट कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जांच रिपोर्ट इस बात का सुबूत है।
जनपद में बड़ी मात्रा में दूध उत्पादन होता है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) दूध में मिलावट करने वालों के नमूने भर रहा है। इन नमूनों की जांच में रिपोर्ट के परिणाम चौकाने वाले सामने आए हैं। किसी नमूने में ग्लूकोज पाया गया है, तो किसी में यूरिया की मात्रा। इतना ही नहीं, बल्कि दूध में रिफाइंड भी बड़ी मात्रा में मिलाया जाता है। इसका ताजा उदाहरण बाह तहसील का है। दूध विक्रेता महेंद्र शर्मा के यहां पर एफएसडीए विभाग की टीम ने नमूने भरे थे। इस नमूने की जांच रिपोर्ट के अनुसार दूध में रिफाइंड और ग्लूकोज पाया था। रिफाइंड के मिश्रण के बाद दूध में मिठास बढ़ाने को ग्लूकोज मिला दिया। इसके अलावा डिटर्जेंट, यूरिया, स्टार्च, दीवार रंगने वाला सफेद पेंट मिलाया जाता है।
मिलावटी दूध जहर से कम नहीं
डॉक्टरों के अनुसार मिलावटी दूध का रोजाना इस्तेमाल आपके शरीर के लिए धीमे जहर की तरह है। डिटर्जेंट, यूरिया और पेंट मिला दूध पीने से किडनी, लिवर खराब होता है। पाचनतंत्र भी प्रभावित होता है। इस कारण किडनी फेल्योर, किडनी कैंसर, लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर, पेट का कैंसर जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं।
दूध में मिलावट पहचानें
दूध और पानी को एक साथ मिलाएं। उसमें डिटर्जेंट होता है, तो दूध में ज्यादा झाग बनते हैं। उस झाग के बुलबुलों को बल्ब की रोशनी में देखें। ये झाग रंगीन नजर आएं तो समझो दूध में डिटर्जेंट मिला है। इसके अलावा आमतौर पर साबुन जैसी खुश्बू आती है। मिलावटी दूध का रंग उबालने के बाद हल्का पीला दिखने लगे तो वह सिंथेटिक है।
जनपद में दूध उत्पादन के स्रोत
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में करीब 7.5 लाख दुधारू पशु हैं। इसमें 3.5 गाय और 4 लाख भैंस हैं। इनसे जनपद में दूध का उत्पादन होता है। अन्य स्रोत से दूध तैयार हो रहा है।
पांच माह की कार्रवाई
- 75 नमूने लिए।
- 59 नमूने की जांच रिपोर्ट आई।
- 24 नमूने की रिपोर्ट अधोमानक
- तीन नमूनों की रिपोर्ट असुरक्षित रही।