पुलिस में भर्ती के नाम पर ठगी, सात लोगों को लगा 22 लाख का चूना Agra News
वर्ष 2017 में निकली थीं भर्ती मैनपुरी-फीरोजाबाद के हैं अभ्यर्थी। आगरा के दो लोगों ने वसूली रकम एडीजी के यहां शिकायत पर जांच शुरू।
आगरा, जागरण संवाददाता। वर्ष 2017 में निकली पुलिस भर्ती में मैनपुरी और फीरोजाबाद के सात लोगों से शातिरों ने 22 लाख रुपये ठग लिए। लिखित परीक्षा में फेल होने पर अभ्यर्थियों को सात- सात लाख रुपये में पास कराके भर्ती कराने का झांसा दिया। रकम लेकर गायब हो गए। धोखाधड़ी के शिकार लोगों द्वारा एडीजी के यहां शिकायत करने पर जांच शुरू कर दी गई है।
मैनपुरी के थाना बरनाहाल शीलेश के अनुसार वर्ष 2017 में 41 हजार 542 सिपाहियों की भर्ती निकली थीं। जिनमें शीलेश के अलावा बरनाहाल निवासी अर्जुन, मनोज, वर्षा एवं सत्यवीर निवासी घिरोर, अरुण निवासी नगला सिंगी फीरोजाबाद, राजेश निवासी सिरसागंज फीरोजाबाद ने भी आवेदन किया था। भर्ती प्रक्रिया आगरा में चल रही थी। ये अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में फेल हो गए। इस पर बरनाहाल के ही एक व्यक्ति ने जो मधु नगर में किराए पर रहता है। अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में पास कराने और पुलिस में भर्ती कराने का आश्वासन दिया।
इसके लिए इन सभी से सात-सात लाख रुपये खर्च बताते हुए रकम देने की कहा। उन्हें अपने विश्वास में लेने के लिए जिला अस्पताल में फर्जी मेडिकल भी कराया। इससे अभ्यर्थी शातिरों के झांसे में आ गए। उसे पेशगी में लाखों रुपये दे दिए। शातिर मई में सभी को अपने साथ लखनऊ लेकर गए। वहां एक होटल में ठहराया। शीलेश के अनुसार शातिरों ने उन सभी से 11.50 लाख रुपये यह कहकर लिए कि रकम देने के बाद उन्हे नियुक्ति पत्र मिल जाएंगे। आरोपितों ने कुल 22 लाख रुपये ले लिए। बाकी रकम नियुक्ति पत्र मिलने के बाद देने की कहा।
दोपहर में रकम लेने के बाद आरोपित अभ्यर्थियों को होटल में छोड़कर भाग गए। वह रात भर होटल में इंतजार करते रहे। मगर, दोनों आरोपित लौटकर नहीं आए। अगले दिन सभी अभ्यर्थी आगरा पहुंचे। मधु नगर आरोपित के घर पहुंचे तो वह टालमटोल बहाना बनाने लगा। छह महीने से रकम लौटाने के नाम पर टालमटोल कर रहे आरोपितों के खिलाफ पीडि़तों ने एडीजी के यहां शिकायत कर दी।
होटल का किराया भी नहीं दिया, सड़क पर गुजारी रात
शातिरों ने अभ्यर्थियों को जिस होटल में ठहराया था। उसका किराया तक देकर नहीं गए थे। रात तक जब नहीं लौटे तो अभ्यर्थियों के पास इतने रुपये नहीं बचे थे कि वह होटल का किराया देते। इस पर स्टाफ ने उन्हें होटल से निकाल दिया। सभी ने होटल के बाहर सड़क पर रात गुजारी। अगले दिन सुबह एक अभ्यर्थी ने लखनऊ में रहने वाले अपने रिश्तेदार को फोन करके बुलाया। उसने पास से सभी के लौटने का इंतजाम किया।
खेत बेचकर दी रकम
शीलेश ने बताया कि उन्होंने लाखों रुपये पेशगी में देने के लिए अपने खेत बेच दिए थे। बाकी पीडि़तों ने भी रिश्तेदारों से कर्ज लेकर रकम दी थी।
कठघरे में जिला अस्पताल का स्टाफ
पीडि़त अभ्यर्थियों का आरोप है कि कि शातिरों ने जिला अस्पताल में उनका मेडिकल कराया था। उनका वहां मौजूद स्टाफ ने मेडिकल किया। इससे जिला अस्पताल के स्टाफ भी कठघरे में है। बिना स्टाफ की मिलीभगत के अभ्यर्थियों का मेडिकल संभव नहीं था।
रिर्पोट मिलने से होगा मुकदमा दर्ज
मामले की जांच स्टाफ आफिसर को दी गई है। जांच रिपोर्ट मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
अजय आनंद एडीजी जोन