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Girl Friend बनाने के लालच में कहीं फंस तो नहीं गए आप भी, ठग गिरोह का पर्दाफाश Agra News

आइजी रेंज साइबर सेल की टीम ने खेड़ा राठौर से गिरोह के सरगना समेत दो को किया गिरफ्तार। अखबारों में देते थे इश्तिहार। वर्ष में डेढ़ करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके थे शातिर।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 08:55 AM (IST)
Girl Friend बनाने के लालच में कहीं फंस तो नहीं गए आप भी, ठग गिरोह का पर्दाफाश Agra News
Girl Friend बनाने के लालच में कहीं फंस तो नहीं गए आप भी, ठग गिरोह का पर्दाफाश Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। गर्लफ्रैंड बनाने के नाम पर हजारों लोगों को ठगने गिरोह के सरगना समेत दो को रेंज साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। ये महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर वे लोगों को जाल में फंसाते थे। उनसे मुलाकात कराने के बहाने खाते में रकम जमा करा लेते थे। दो वर्ष में शातिर करीब डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं। अब गिरोह के फरार सदस्यों की गिरफ्तारी को दबिश चल रही है।

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आइजी ए सतीश गणोश ने बताया कि बाह के सिंघावली और खेड़ा राठौर के मझटीला गांव निवासी दीवान सिंह मिलकर यह गिरोह चला रहे थे। 22 वर्षीय सचिन मिश्र हाईस्कूल फेल है। उसका एक रिश्तेदार ठगी का यह खेल खेलता था। उससे सीखकर दो वर्ष पहले उसने भी गिरोह बना लिया। भिंड के दो लड़कों को टेली कॉलर के लिए बुलाया। इनमें से एक को एक हजार और दूसरे को डेढ़ हजार रुपये देता था। सचिन और दीवान विभिन्न राज्यों में विज्ञापन एजेंसियों के माध्यम से ठगी को विज्ञापन प्रकाशित कराते थे। इसमें लिखा होता था कि एनआरआइ गर्लफ्रैंड बनाने को कॉल करें। इसमें एक नंबर दिया जाता था, जिसे टेली कॉलर रिसीव करते थे। वे कॉल करने वालों को एनआरआइ, विदेशी, इंडियन हर तरह की गर्लफ्रैंड उपलब्ध होने की जानकारी देते थे। कॉलर अगर इसके लिए तैयार होता था तो उससे पहले 1650 रुपये रजिस्ट्रेशन के नाम पर खाते में जमा करा लेते थे। इसके बाद महिला से मुलाकात कराने के नाम पर होटल का किराया, टैक्सी का बिल आदि के नाम पर 15 हजार से लेकर 70 हजार रुपये तक जमा करा लेते थे। इसके बाद नंबर ब्लॉक कर देते। पुलिस को शातिरों के पास से एक डायरी मिली है। इसमें ठगी का शिकार बने ढाई से तीन हजार लोगों का लेखा-जोखा है। इसमें सभी से डेढ़ करोड़ रुपये आने का हिसाब भी है। शातिर ओडिसा से नशे का कारोबार भी कर रहे थे। इस संबंध में उनसे पूछताछ की जा रही है। इस मामले में खेड़ा राठौर थाने में गिरफ्तार और फरार शातिरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

तीस हजार में खरीदा खाता, ढाई हजार में सिम

शातिरों ने ठगी की रकम जमा कराने को तीस हजार रुपये में भिंड के एक व्यक्ति का खाता खरीद लिया था। इसका एटीएम कार्ड और चेक शातिरों के पास था। भिंड के ही एक व्यक्ति के नाम से ढाई हजार रुपये में सिम ले ली थी।

ये हुई बरामदगी

विभिन्न प्रांतों के अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन की फोटो स्टेट, ठगी का शिकार बने लोगों की डिटेल लिखी हुई डायरी, अपराध में प्रयुक्त बैंक खातों का विवरण।

ये हुए फरार

जैतपुर के दड़हेता निवासी अशोक, नंदा, बृजेश, सुनील, खुशीलाल, शोभित।

गिरफ्तार करने वाली टीम

इंस्पेक्टर शैलेश कुमार सिंह, एसआइ विनय भारद्वाज, एएसआइ विशाल शर्मा, हेड कांस्टेबल देवेंद्र पाल सिंह भदौरिया, इंद्रदेव, जितेंद्र कुमार, सुशील कुमार, नवीन प्रताप सिंह, श्यामवीर सिंह।


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