ऑक्सीजन न मिलने से जिंदगी की जंग हार गई 'गहना'
आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन न मिलने पर चार महीने की मासूम की मौत हो गई।
आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन न मिलने पर चार महीने की मासूम की मौत हो गई। इमरजेंसी में ऑपरेशन के बाद शुक्रवार सुबह मासूम को नई सर्जरी बिल्डिंग में शिफ्ट करने के लिए कह दिया गया। एंबुलेंस में देरी और ऑक्सीजन न मिलने पर परिजन मासूम को गोदी में लेकर सर्जरी बिल्डिंग तक पहुंचे। यहां कुछ देर बाद ही मौत हो गई। रोते बिलखते परिजन मासूम 'गहना' के शव को लेकर चले गए।
मोती कटरा निवासी मुनेश ने अपनी चार महीने की बेटी गहना को गुरुवार को इमरजेंसी में भर्ती किया। उसके कान के पास पस पड़ गया था, हालत गंभीर होने पर इमरजेंसी में मासूम का ऑपरेशन किया गया। इसके बाद उसे ऑक्सीजन लगा दी गई, डॉक्टरों ने गहना को नई सर्जरी बिल्डिंग में शिफ्ट करने के लिए कह दिया। परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी से अंदर नई सर्जरी बिल्डिंग तक जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। वे उसे गोद में लेकर जाने लगे, ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा तो इन्कार कर दिया गया। ऐसे में ऑक्सीजन के बिना ही परिजन गहना को लेकर नई सर्जरी बिल्डिंग पहुंचे। यहां तीसरी मंजिल पर ले गोद में वार्ड में ले गए, डॉक्टरों ने कुछ देर बाद मृत घोषित कर दिया। यह सुन परिजन बिलखने लगे, तीमारदार भी आ गए। इसके बाद परिजन उसे लेकर चले गए। सर्जरी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जूही सिंघल का कहना है कि बच्ची को गंभीर हालत में भर्ती किया गया था, डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया, रात में तबीयत बिगड़ने पर बाल रोग विभाग के डॉक्टरों को भी दिखाया गया था। गंभीर हालत होने के कारण मौत हुई है, ऑक्सीजन न मिलने की जानकारी नहीं है।
एंबुलेंस और ऑक्सीजन की समस्या
इमरजेंसी से वार्ड में मरीज शिफ्ट करने पर एंबुलेंस और ऑक्सीजन की समस्या होती है। एसएन में मरीजों को शिफ्ट करने के लिए एक एंबुलेंस है, 10 से अधिक मरीज होने के बाद उन्हें शिफ्ट किया जाता है। ऐसे में मरीजों को इमरजेंसी के गेट पर इंतजार करना पड़ता है। इसी तरह इमरजेंसी से वार्ड में मरीज शिफ्ट करते समय ऑक्सीजन सिलेंडर की समस्या भी आती है।