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बड़ी मुश्किल से मिल रहे कंधा देने वाले चार लोग, अंतिम यात्रा को देख छलक उठे आंसू

आगरा में अवधपुरी पुलिस चौकी के पास की तस्‍वीर हो रही इंटरनेट मीडिया पर वायरल। अर्थी को कंधा देते चार लोग थक गए लेकिन नहीं था सहारा देने को कोई पांचवां व्‍यक्ति। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में लाचार और बेबस महसूस कर रहे हैं शहर के लोग।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 05:46 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 05:46 PM (IST)
बड़ी मुश्किल से मिल रहे कंधा देने वाले चार लोग, अंतिम यात्रा को देख छलक उठे आंसू
अवधपुरी क्षेत्र में स्‍वजन का अंतिम संस्‍कार करने जाते वक्‍त अंतिम यात्रा में केवल चार लोग।

आगरा, जागरण संवाददाता। इंसान की अंतिम यात्रा में चार कंधे नसीब हो जाएं, यह वर्तमान समय का सबसे बड़ा सौभाग्य माना जा रहा है। कोरोना संक्रमण के लगातार बिगड़ते हालात ने स्थिति ऐसी बना दी है कि मृत्यु भले कोरोना संक्रमण से हो या सामान्य, लेकिन तमाम लोगों को चार कंधे और अपनों का साथ तक अंतिम यात्रा में नसीब नहीं हो पा रहा।

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आगरा में अवधपुरी पुलिस चौकी के पास की इस तस्वीर के कुछ यही मायने है, जिसे देखकर मन ठिठक रहा है क्योंकि अब तक सुना था कि किसी की खुशी में भले शामिल न हो पाओ, लेकिन अंतिम यात्रा में जरूर शामिल होना चाहिए। लेकिन लगातार क्रूर हो रहा कोरोना ऐसे दिन भी दिखाएगा, किसी ने सोचा भी नहीं था। बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल इस तस्वीर में एक मृतक की अर्थी को कंधा देने के लिए चार कंधे तो नसीब हो गए, लेकिन अंतिम यात्रा में शामिल होने वालों के नाम पर वहीं कंधा देने वाले चार लोग थे। शहर के प्रमुख सात श्मशान पर रोजाना इस तरह के मामले देखने को मिल रहे हैं कि मृतकों की अर्थी को कंधा देने वाले चार लोग भी नहीं नसीब नहीं हो रहे। जिन्हें देखकर लोग दृवित होकर प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि हे प्रभु, अब बहुत हुआ, अब तो रहम करो।


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