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खुशियां बदली मातम में, गंगा में डूबी चार किशोरियां, बचाने गया युवक भी डूबा Agra News

गांव में आए नए ट्रैक्‍टर की की खुशी मनाने आधा सैंकड़ा लोग गए थे गंगा स्‍नान को। छह किशोरियां डूबी। बहादुर युवक ने एक को बचाया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 10:59 PM (IST)
खुशियां बदली मातम में, गंगा में डूबी चार किशोरियां, बचाने गया युवक भी डूबा Agra News
खुशियां बदली मातम में, गंगा में डूबी चार किशोरियां, बचाने गया युवक भी डूबा Agra News

आगरा, जेएनएन। कासगंज, सोरों के लहराघाट पर रविवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। नजदीकी गांव कादरवाड़ी से परिवार सहित गंगा नहाने आईं सात किशोरियां गंगा में डूब गईं। इन्हें बचाने के लिए एक युवक भी गंगा में कूदा। तीन किशोरियों को तो बचा लिया, लेकिन अन्य किशोरियों के साथ युवक भी डूब गया। दिन भर गोताखोर इनकी तलाश में जुटे रहे, लेकिन शाम तक कहीं पता नहीं चला। 

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कादरवाड़ी निवासी राजेंद्र सिंह पुत्र हीरालाल ने बीते दिनों ट्रैक्टर खरीदा था। रविवार को वह परिवार की महिलाओं के साथ गंगा नहाने लहरा घाट गया था। गंगा में स्नान करते वक्त सात किशोरियां पानी के तेज बहाव में बहनें लगी। इस पर परिजनों ने इन्हें बचाने का प्रयास किया तो बघेला पुख्ता निवासी हरिओम पुत्र झद्दू भी गंगा में कूद गया। परिजनों एवं हरिओम के प्रयासों से तीन किशोरियों को तो बाहर निकाल लिया, लेकिन अन्य किशोरियों के साथ हरिओम भी बह गया। हरिओम के साथ में कादरवाड़ी निवासी 13 वर्षीय प्रीति पुत्री पप्पू, 16 वर्षीय ममता पुत्री सुरेश चंद्र, 14 वर्षीय पूजा पुत्री राम दुलारे, 17 वर्षीय रूपा पुत्री झब्बू का कहीं पता नहीं लगा। घाट पर चीख-पुकार मच गई। लहरा के आसपास के गांव के गोताखोर गंगा में कूदे। खबर मिलने पर डीएम सीपी सिंह, एसपी सुशील घुले के साथ में एएसपी डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी एवं सीओ आइपी सिंह तथा एसडीएम सदर ललित कुमार मौके पर पहुंच गए। कछला से 15 गोताखोर बुलाकर उन्हें भी गंगा में उतारा तो दोपहर में पीएसी के गोताखोर भी यहां पहुंच गए। देर शाम तक किसी का भी पता नहीं लगा था। 

दूर तक दौड़ते रहे ग्रामीण

किशोरियों के डूबने की खबर पर ग्रामीण भी दौड़े-दौड़े यहां पर पहुंचे। ग्रामीण खुद भी किशोरियों की तलाश में गंगा किनारे दूर तक दौड़े। शायद कोई बहते हुए कहीं किनारे पर पहुंच गया हो, लेकिन हर तरफ से हताशा मिली। इस दौरान आसपास के गांवों के लोगों की भीड़ भी घाट पर पहुंच गई। 

कादरवाड़ी की गलियों में फैला रहा सन्नाटा 

लहरा घाट से कुछ पहले ही पडऩे वाला गांव कादरवाड़ी। हर वक्त जिस गांव में राहों पर ग्रामीणों की चौपाल दिखती थी। छुट्टी के दिन तो बच्चे धमाचौकड़ी मचाते रहते थे वहां पर रविवार को सन्नाटा था। गांव के युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक हादसे के बाद सीधे गंगा घाट की तरफ दौड़ पड़े। वहीं गांव की महिलाएं लापता किशारियों के घर पर एकत्र हो परिवार की महिलाओं को दिलासा दे रही थीं। कादरवाड़ी के लिए यह एक बड़ा हादसा था। किसी ने सोचा भी नहीं था सुबह ट्रैक्टर में गंगा मां की जयकारे लगाते हुए जाने वाली किशोरियां गंगा की गोद में ही लापता हो जाएंगी। जैसे ही सुबह साढ़े नौ बजे करीब गांव में हादसे की खबर आई। ग्रामीण सीधे लहरा घाट की तरफ दौड़ पड़े। दुकानें बंद हो गई। खेतों में काम कर रहे ग्रामीण भी घाट पर पहुंचे तो महिलाएं घरों में काम छोड़ किशोरियों के घर पर पहुंच गईं। दोपहर ढाई बजे करीब गांव में हर तरफ सन्नाटा दिखाई दे रहा था। गलियां सुनसान पड़ी हुई थी मानो यहां पर कोई रहता न हो। सुरेश चंद्र, राम दुलारे, झब्बू एवं पप्पू के घर में महिलाओं की भीड़ थी जो रोती हुई महिलाओं को किशोरियों के मिलने का ढांढस बंधा रही थीं। 


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