दुष्कर्म- आत्महत्या का प्रयास के बाद हुआ सील अनाथाश्रम फिर चर्चा में, अब हो रहा अनशन Agra News
आठ दिन में बदल गई अनाथाश्रम में रहने वालों की जिंदगी। दोबारा खुलवाने की मांग पर बैठीं पूर्व में रहने वालीं महिलाएं।
आगरा, जागरण संवाददाता। दुष्कर्म, आत्महत्या के प्रयास के घटनाक्रम के बाद चर्चा और जांच के दायरे में फंसा अनाथ आश्रम फिर सुर्खियों में आ गया है। इस बार बात अनाथ आश्रम के विरुद्ध कार्रवाई की नहीं बल्कि इसे दोबारा खुलवाने की हो रही है। पूर्व में रहने वालीं यहां की बेटियां जो शादी के बाद ससुराल जाकर बस गईं थीं, वे अब अपने भाई बहनों के लिए दोबारा से उसी छत की मांग कर रही हैं। मायके पर लगा प्रतिबंध हटाने के लिए ये ब्याहता बेटियां मायके की दहलीज पर अनशन पर बैठ गई हैं। मौके पर अपना समर्थन देने के लिए पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह भी पहुंच गए हैं।
इधर आश्रम बंद होने के बाद से यहां रहने वाले बच्चेे दर दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। प्रशासन ने आनन फानन में आश्रम तो बंद कर दिया लेकिन यहां आश्रय के साथ पढ़ाई भी करने वालों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया। अनाथालय में स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चेे बाहर स्थित गांधी आदर्श कन्या विद्यालय में स्थांतरित कर दिए गए। गुरुवार को इन बच्चों को आश्रम के ऑफिस के बाहर हॉल में बैठकर पढ़ाया गया था।
बता दें कि विगत तीन अक्टूकर को आश्रम की छत से एक युवती ने पीछे बहती यमुना नदी में खुदकशी के इरादे से छलांग लगा दी थी। युवती को कुछ लोगों ने बाहर निकाल लिया था। युवती के सिर के पास चोट लगी थी और कुछ जगह खरोंच आई थीं। उपचार के दौरान युवती ने आश्रम के ही तीन नाबालिगों पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने युवती का मेडिकल कराया और आरोपितों को जेल भेज दिया। इधर मामले की आंच लखनऊ तक भी पहुंच गई। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने यहां आकर आश्रम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आश्रम से कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुईं। इतना ही नहीं यहां के प्रबंधन की काली करतूतें और आश्रम में संदिग्ध गतिविधियों की कलई भी खुली। ऐसे में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आश्रम को सील कर दिया।