CoronaVirus: मंदी झेल रहीं ट्रैवल कंपनियों में मजबूरी का Five Days वीक
आधे स्टाफ को पेड लीव पर भेजा। पर्यटन स्थल बंद किए जाने से कंपनियों के पास काम नहीं।
आगरा, जागरण संवाददाता। फाइव डेज वर्किंग का कांसेप्ट आगरा में भी शुरू हो गया है। हालांकि यह मर्जी से नहीं बल्कि मजबूरी में किया गया है। कोरोना वायरस के चलते बंद पड़े स्मारक और विदेशी पर्यटकों पर रोक से पर्यटन उद्योग हिल गया है। हाथ पर हाथ धरे बैठी ट्रैवल कंपनियों ने कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन काम करने को कहा है। आधे कर्मचारियों को पेड लीव दे दी गई है।
भारत सरकार ने कोरोना वायरस से एहतियात को 13 मार्च की मध्य रात्रि से सभी विदेशी पर्यटकों के वीजा 15 अप्रैल तक के लिए निरस्त कर दिए थे। इसके बाद 17 मार्च से सभी स्मारकों, संग्रहालयों और पर्यटन स्थलों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। ऐसे में पर्यटकों के नहीं आने का असर होटल, रेस्टोरेंट, पेइंग गेस्ट हाउस, एंपोरियम, बार पर पड़ा है। कई होटल, रेस्टोरेंट, पेइंग गेस्ट हाउस बंद हो गए हैं। बड़े होटलों ने स्थिति को देखते हुए आधे कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है। ट्रैवल कंपनियों की स्थिति भी इससे जुदा नहीं है। पर्यटकों के नहीं आने से उनकी गाडिय़ों के पहिये घूमना बंद हो गए हैं। इसे देखते हुए उन्होंने अपने आधे कर्मचारियों को पेड लीव देकर छुट्टी पर भेज दिया है। वित्तीय वर्ष की क्लोजिंग को देखते हुए केवल अकाउंट का काम करने वाले कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। इसके साथ ही अब तक शुक्रवार को अवकाश रखने वाली कंपनियां फाइव डे वीक कल्चर को अपनाते हुए शुक्रवार और रविवार को अवकाश रख रही हैं।
टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के उपाध्यक्ष राजीव सक्सेना ने बताया कि ट्रैवल कंपनियों के पास कोई काम नहीं है। घर बैठने की स्थिति होने से फाइव डे वीक कर दिया गया है। आधे कर्मचारियों को फुल पेमेंट कर छुट्टी दे दी गई है।
हाल-फिलहाल ऐसे ही रहेंगे हालात
देश के स्मारक 31 मार्च तक बंद किए गए हैं। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो हो सकता है अप्रैल में स्मारक खोल दिए जाएं लेकिन टूरिज्म इंडस्ट्री को पटरी पर आने में अभी महीनों लग जाएंगे क्योंकि विदेशी पर्यटक अब नहीं आएंगे। विदेशी टूरिस्ट ताजमहल देखने का महीनों पहले या वर्ष भर पहले प्रोग्राम बनाते हैं। अक्टूबर तक तो कम से कम विदेशी पर्यटक यहां नहीं आने। भारतीय सैलानियों का आना ही टूरिज्म सेक्टर को सहारा देगा।