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Agra Metro: रफ्तार मिलने की जागी उम्मीद, जल्‍द बनेगा पहला कोॅरिडोर Agra News

केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने चार सप्ताह में कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 04:23 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 04:23 PM (IST)
Agra Metro: रफ्तार मिलने की जागी उम्मीद, जल्‍द बनेगा पहला कोॅरिडोर Agra News
Agra Metro: रफ्तार मिलने की जागी उम्मीद, जल्‍द बनेगा पहला कोॅरिडोर Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। कानपुर के बाद अब आगरा में भी मेट्रो को गति मिलने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित हुई केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) ने तेजी दिखाई है। पहले कॉरिडोर में 14 किमी मेट्रो चलाने की योजना है। यह मेट्रो का सफर सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट के बीच होगा।

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वर्षों से डीपीआर बनने के बाद आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट में कोई न कोई अड़ंगा लग रहा था। कोर्ट के सख्त निर्देश के बाद ताज ट्रिपेजियम जोन के अंतर्गत औद्योगिक विकास कार्य पर रोक थी। मेट्रो भी इसी कड़ी में आता था। पहले कॉरिडोर के अंतर्गत बनने वाले छह एलीवेटेड और सात भूमिगत मेट्रो पर संकट मंडरा रहा था। मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही कमेटी पर्यावरण से जुड़े पहलुओं पर रिपोर्ट दे देगी। फिर प्रदेश सरकार से हरी झंडी मिलते ही टेंडर प्रकिया शुरू कर दी जाएगी।

प्राधिकरण से पत्र का इंतजार

मेट्रो का काम देख रहे अफसरों ने बताया कि ताज ट्रेपेजियम के तीन सौ मीटर दायरे में काम करने के लिए जो पत्राचार करना था, वह किया जा चुका है। मंडलायुक्त को यूपीएमआरसी परमीशन के लिए पत्र लिख चुका है, लेकिन उनसे परमीशन का इंतजार है।

यह होगा पहला कॉरिडोर

आगरा में पहला कॉरिडोर सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट तक होगा, जो 14 किमी है। यहां 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें छह एलीवेटेड और सात भूमिगत होंगे। दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच होगा। हालांकि, डीपीआर के मुताबिक वर्ष 2024 तक मेट्रो का काम खत्म करने का लक्ष्य है।

क्या है ताज ट्रेपेजियम जोन 

30 दिसंबर 1996 में ताज को प्रदूषण से बचाने के लिए ताज टे्रपेजियम जोन (टीटीजेड) के तहत आने वाले छह जिले फीरोजाबाद, मैनपुरी, भरतपुर, आगरा, मथुरा व एटा (10400 वर्ग किमी.) के आसपास औद्योगिक कार्यों व बड़े निर्माण कार्य को लेकर रोक लगा दी थी। इसके लिए कई तरह की एनओसी अनिवार्य कर दी थीं। हाल में प्रदेश सरकार की लंबित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इसमें राहत दी है। इससे सभी तरह के रुके कार्यों को पर्यावरण, वन, एएसआइ आदि से एनओसी का रास्ता साफ हो गया है। चंद दिनों पहले कोर्ट द्वारा केंद्रीय अधिकार प्राप्त कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी पर्यावरण को लेकर चार सप्ताह में कोर्ट को रिपोर्ट देगी।

- पहला कॉरिडोर, सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट तक : 14 किमी लंबाई, 6.53 किमी एलीवेटेड, 7.64 किमी अंडरग्राउंड

- दूसरा कॉरिडोर, आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक : 16 किमी। यह पूरा ट्रैक एलीवेटेड होगा।

- आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 8379 करोड़ रुपये है।

- शहर में तीस किमी लंबा ट्रैक होगा और तीस स्टेशन होंगे।  

कानपुर के साथ-साथ यूपीएमआरसी आगरा व गोरखपुर प्रोजेक्ट को भी गति दे रहा है। उम्मीद है, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। 

-कुमार केशव, एमडी, यूपीएमआरसी


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