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Ambedkar University Agra: आंबेडकर विवि के छात्र हैं तो काम की है ये खबर, बदला हो सकता है इस बार परीक्षा में प्रश्न पत्र

Ambedkar University Agra आंबेडकर विवि की बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें रही निरर्थक। अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए हो सकता है बहुविकल्पीय प्रश्नपत्र। 18 को विद्या परिषद की बैठक में प्रश्न पत्र के नए प्रारूप का प्रस्ताव रखा जाएगा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 08:00 AM (IST)
Ambedkar University Agra: आंबेडकर विवि के छात्र हैं तो काम की है ये खबर, बदला हो सकता है इस बार परीक्षा में प्रश्न पत्र
बदला हुआ होगा इस वर्ष विवि की परीक्षाओं का प्रश्न पत्र। प्रतीकात्मक फोटाे

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में 2020-21 की मुख्य परीक्षाओं में प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रश्न पत्र में 10 सवालों का सामना करना होगा। कालेज के छात्रों को प्रश्न पत्र का नया और आसान प्रारूप मिलेगा, वहीं आवासीय परिसर में विभागों में संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षण होगा।

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पिछले साल दिसंबर माह के अंत तक पाठ्यक्रम में कटौती के लिए विश्वविद्यालय द्वारा बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें आयोजित की गई। इन बैठकों में शिक्षकों की कार्यप्रणाली से कुलपति प्रो. अशोक मित्तल संतुष्ट नहीं थे। कुलपति का कहना था कि कटौती के नाम पर शिक्षकों ने पूरी यूनिट ही गायब कर दी हैं। कुलपति ने प्रश्न पत्र के प्रारूप को ही सरल बनाने पर विचार करने की बात कही। 18 को विद्या परिषद की बैठक में प्रश्न पत्र के नए प्रारूप का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस प्रस्ताव में प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रश्नपत्र में 10 प्रश्न पूछे जाएंगे, जिसमें से उन्हें छह या सात प्रश्न हल करने होंगे। इसका प्रश्नपत्र में पुराने प्रारूप का प्रभाव होगा यानी बहुविकल्पीय के साथ ही दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी होंगे।अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए बहुविकल्पीय प्रश्नपत्र रखने की योजना है, जिससे उनका परिणाम समय से जारी हो सके। कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों को अब पुराने पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षण कराया जा रहा है। इस संबंध में निर्देश कुलपति द्वारा दिए जा चुके हैं। आवासीय परिसर में संचालित पाठ्यक्रमों में कटौती के लिए बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें कराने का निर्देश दिए जा चुके हैं। आवासीय परिसर के छात्रों को संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार ही शिक्षण कराया जाएगा।

कोरोना के कारण पहले ही सत्र देरी से शुरू हुआ है, हम नहीं चाहते हैं कि छात्रों का नुकसान हो।प्रश्नपत्र आसान तो होंगे ही इसके साथ ही विकल्प भी दिए जाएंगे।विद्या परिषद की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति


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