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School Reopen in Agra: चूक न जाएं मौका, इसलिए आगरा में दे दी बंपर सहमति

School Reopen in Agra विद्यालय खुलवाने की जल्दी में अभिभावकों की जगह कई ने खुद ही भेजी रिपोर्ट। शिक्षक-प्रधानाचार्य बिना वैक्सीनेशन विद्यार्थियों को बुलाने के पक्ष में नहीं। मंडल से रिकार्ड 64.46 फीसद और जिले से 66.37 फीसद अभिभावकों की सहमति की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 08:52 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 08:52 AM (IST)
School Reopen in Agra: चूक न जाएं मौका, इसलिए आगरा में दे दी बंपर सहमति
शिक्षक-प्रधानाचार्य बिना वैक्सीनेशन विद्यार्थियों को बुलाने के पक्ष में नहीं।

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. मुकेश अग्रवाल से स्कूल खोलने के लिए अभिभावकों की सहमति की स्थिति मांगी, तो वित्तविहीन विद्यालय संचालकों में उत्साह दौड़ गया। विद्यालय खुलने की आस में उन्होंने अभिभावकों का मन टटोले बिना ही अपने स्तर से 70 से 90 फीसद तक विद्यार्थियों के अभिभावकों के तैयार होने की रिपोर्ट जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार को भेज दी।

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बोर्ड सचिव ने निर्देश दिए थे कि एक जुलाई से शिक्षकों को विद्यालय बुलाने की तैयारी है। ऐसे में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को भी विद्यालय बुलाने की स्थिति परखने के लिए उन्होंने अभिभावकों की अनुमति मांगी। पिछली बार विभाग को वित्तविहीन विद्यालयों की रिपोर्ट नहीं मिली, तो सिर्फ राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों की रिपोर्ट लेकर शासन को भेज दी थी, जिसमें महज 11 फीसद अभिभावकों ने विद्यार्थियों को विद्यालय भेजने की सहमति दी थी। लेकिन इस बार पहली बार में ही मंडल से रिकार्ड 64.46 फीसद और जिले से 66.37 फीसद अभिभावकों की सहमति की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

खुल जाएंगे विद्यालय

वित्तविहीन विद्यालय संचालकों को अभिभावकों से बिना पूछा मनमानी रिपोर्ट भेजकर लग रहा है कि इस रिपोर्ट को शासन आंखें बंद करके मान लेगा और एक जुलाई या कुछ दिन बाद विद्यालय खुलने का रास्ता तैयार हो जाएगा। हालांकि विभागीय सूत्रों की माने, तो यह सिर्फ टेस्टिंग है। अभिभावकों की सहमति की स्थिति का अंदाजा विभाग को भी है।

वैक्सीन लगने तक न खुले विद्यालय

राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक और प्रधानाचार्य फिलहाल नहीं चाहते कि विद्यालय फिलहाल विद्यार्थियों के लिए खोल जाएं। उनका तर्क है कि अभी विद्यार्थियों को वैक्सीन नहीं लगी है। तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। ऐसे में उन्हें बुलाने से खतरा हो सकता है। हालांकि शिक्षकों को वैक्सीन लग चुकी है, इसलिए उन्हें एक जुलाई बुलाने में कोई दिक्कत नहीं।

वाट्सएप से जुटाई हां

विभाग ने 22 जून को आदेश जारी कर अभिभावकों की सहमति मांगी तो विद्यालयों ने शिक्षकों की आनलाइन कक्षाओं वाले ग्रुप पर मैसेज कर राय जानने के निर्देश दिए। शिक्षकों के मैसेज पर ज्यादातर विद्यार्थियों के नंबर से विद्यालय खुलने के लिए हां में जवाब आया। हालांकि वह संदेश अभिभावकों का था या विद्यार्थियों का, इसको लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। 


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