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गुटबाजी के खेल में सत्ता से दूर भाजपा

जागरण संवाददाता, आगरा: सूबे में सत्ता मिलने के बाद भाजपा एक-एक कर जिला पंचायतों की सत्ता कब्ज

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Aug 2017 03:11 PM (IST)Updated: Thu, 24 Aug 2017 03:11 PM (IST)
गुटबाजी के खेल में सत्ता से दूर भाजपा
गुटबाजी के खेल में सत्ता से दूर भाजपा

जागरण संवाददाता, आगरा: सूबे में सत्ता मिलने के बाद भाजपा एक-एक कर जिला पंचायतों की सत्ता कब्जाने की मुहिम छेड़े हुए हैं। आगरा में भी इसकी बिसात बिछ चुकी है, मोहरों के संख्याबल के हिसाब से भी जीत तय है, लेकिन गुटबाजी ने कदम थाम रखे हैं। अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर दो दिग्गजों में रस्साकशी चल रही है। इस बीच अब बगावत को तैयार बैठे सदस्य ही हाथ से फिसलने की आशंकाएं जताई जा रही हैं।

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बीते साल सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी। पार्टी प्रत्याशी कुशल यादव ने सांसद चौ. बाबूलाल के पुत्र भाजपा प्रत्याशी राकेश चौधरी को हराया था। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। अब भाजपा की सरकार बनने के बाद से तख्तापलट की कोशिशें चल रही हैं। पहले चौ. बाबूलाल के खेमे की ओर से सदस्यों से संपर्क साधा जा रहा था, लेकिन अब कई सदस्य अलग-अलग खेमेबंदी में जुटे हैं।

सूत्रों के मुताबिक एत्मादपुर के वार्ड नंबर दो से भाजपा की टिकट पर जिपं सदस्य बने राकेश बघेल के संपर्क में सबसे ज्यादा सदस्य हैं। पिछले साल सपा से निष्कासित हुए हरेंद्र सिंह भी अपने स्तर से सदस्यों की गोलबंदी में जुटे हैं, हालांकि वह अब तक घोषित रूप से भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं। चौ. बाबूलाल खेमा और एक अन्य जिपं सदस्य भी इस दौड़ में शामिल हैं।

सूत्रों की माने तो भाजपा संगठन ने अब तक किसी को भी अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के तौर पर हरी झंडी नहीं दी है। सूत्रों की माने तो देरी होने के कारण तोड़े गए सदस्यों को अपने पाले में बनाये रखना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। एक दावेदार इस कसरत में मोटी रकम खर्च कर चुका है। वह अपने समर्थक खेमे से जल्द मामला सुलझाने की गुहार लगा रहा है।

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भाजपा पूरी तरह एकजुट है। समय आने पर नेतृत्व इस संबंध में निर्णय लेगा।

श्याम भदौरिया, जिलाध्यक्ष

भाजपा की गुटबाजी, सपा को फायदा

सपा खेमे के लिए भाजपा की गुटबाजी फायदे का सौदा साबित हो रही है। अन्य जिलों में जहां सत्ता छिन रही है, वहीं आगरा में अब तक सपा का झंडा बुलंद है। सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर सदस्य सपा के पाले से निकल चुके हैं। फिर भी सपा का मानना है कि जब भाजपा में प्रत्याशी के नाम पर विवाद चलेगा, कुर्सी बची रहेगी।

सदस्यों की चांदी

तख्तापलट की कश्मकश में सदस्यों की जमकर चांदी हो रही है। दो महीने से कभी सपाई खेमा तो कभी भाजपाई खेमा उनके लिए सैर-सपाटे और दावतों के इंतजाम में जुट जाता है। अब कुछ सदस्यों के साथ फाइनल डील 15 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है।

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सफाई देने फिर दिल्ली पहुंचे राजपाल

एससी आयोग के अध्यक्ष भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया से मुलाकात के बाद जिपं अध्यक्ष पति राजपाल यादव ने बुधवार को पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को सफाई दी। वह उनसे दिल्ली मिलकर आए। राजपाल यादव ने बताया कि वह मंगलवार को रामगोपाल यादव से मिलने दिल्ली गए थे, उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। समय रहने पर वह एससी आयोग के अध्यक्ष से मिलने चले गए, यह मुलाकात क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर थी। भाजपा में जाने की बात निराधार है। मैं मरते दम तक सपा में ही रहूंगा।


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