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इवेंट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगा फतेहपुरसीकरी, जानें क्‍या है योजना Agra News

आइकोनिक साइट के विकास को कंसल्टेंट ने दिया सुझाव पिछले दिनों आगरा में की गई थी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 11:20 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 09:27 PM (IST)
इवेंट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगा फतेहपुरसीकरी, जानें क्‍या है योजना Agra News
इवेंट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगा फतेहपुरसीकरी, जानें क्‍या है योजना Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। मुगल शहंशाह अकबर की राजधानी रही फतेहपुरसीकरी को इवेंट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। आइकोनिक साइट के विकास को कंसल्टेंट ने सुझाव दिया है। इसके लिए स्मारक में दैनिक, साप्ताहिक और मासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने की योजना है। हालांकि, यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के रुख पर निर्भर करेगा।

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केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने फरवरी, 2018 में देशभर में आइकोनिक साइट को चुना था। इनमें दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल और मुगल शहंशाह अकबर की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी भी शामिल हैं। आगरा में आइकोनिक साइट के लिए कंसल्टेंट एचकेएस और आरकॉम ने इसके लिए प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें फतेहपुर सीकरी को इवेंट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का सुझाव भी है। योजना के अनुसार दैनिक, साप्ताहिक व मासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम सूफी गायन, कव्वाली का आयोजन अनूप तालाब व शेख सलीम चिश्ती की दरगाह परिसर में कराने की योजना है। फतेहपुर सीकरी के दीवान-ए-आम में भी वार्षिक सांस्कृतिक आयोजन का सुझाव दिया गया है। इसके लिए एएसआइ से अनुमति लेनी होगी। यहां साउंड एंड लाइट शो कराने का प्रस्ताव भी है।

कमिश्नर अनिल कुमार ने फतेहपुर सीकरी की ऐसी प्लानिंग करने पर जोर दिया है, जिससे कि दिल्ली से मथुरा होते हुए और जयपुर से भरतपुर आने वाले पर्यटक पहले फतेहपुर सीकरी का भ्रमण करें। इससे यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ सकेगी।

सूफी प्रशिक्षण केंद्र का भी सुझाव

कंसल्टेंट ने फतेहपुर सीकरी में सूफी प्रशिक्षण केंद्र बनाने का सुझाव भी दिया है, जिसमें सूफी नृत्य व गायन का प्रशिक्षण छात्रों को दिया जाए।

आसान नहीं राह

स्मारक में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एएसआइ से अनुमति प्राप्त करनी होगी, जो कि आसान नहीं है। पूर्व में ताज महोत्सव के तहत स्मारकों में प्रतिवर्ष एक कार्यक्रम रखा जाता था। पिछले तीन-चार वर्षों से अनुमति की पाबंदियों को देखते हुए स्मारक में कार्यक्रम नहीं किया जा रहा। 


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