सब्जी-दूध का संकट पैदा होने की आशंका
आगरा: बुधवार से आगरा में प्रस्तावित किसानों की हड़ताल लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है।
जागरण संवाददाता, आगरा: बुधवार से आगरा में प्रस्तावित किसानों की हड़ताल लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। हड़ताल समर्थक किसान नेता लोगों से हरी सब्जी खेतों से न तोड़ने की अपील कर रहे हैं। इसके साथ ही दूध की आपूर्ति भी न करने को कहा जा रहा है। अगर यह हुआ तो शहर में हड़ताल के दौरान दूध और सब्जी का संकट पैदा हो सकता है।
राजस्थान, मप्र, हरियाणा सहित कई राज्यों में किसानों की हड़ताल चल रही है। इससे सब्जियों, दूध और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति बाधित हो रही हैं। आगरा के किसानों ने भी आंदोलन की तैयारी पूरी कर ली है। हड़ताल समर्थक किसान संगठनों की ओर से गांव-गांव में चौपाल लगाकर किसानों का समर्थन जुटाया जा रहा है। किसानों से कहा जा रहा है कि ऋण मोचन, आपदा मुआवजा सहित अन्य योजनाओं का लाभ सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। भारतीय किसान यूनियन ने सोमवार को बरौली अहीर ब्लॉक के गांव सुदड़ी में चौपाल लगाई। संगठन के जिलाध्यक्ष श्याम सिंह चाहर ने हरी सब्जी करने वालों से आग्रह किया कि वे लौकी, भिंड़ी, तोरई, बैगन, टिंडे, पालक आदि सब्जी खेत से ही नहीं तोड़ें। खेत से तोड़ने पर सब्जी सड़ने का संकट रहेगा। इसके साथ ही भैंस के तबेले वालों और दूधियों से बता की गई। तबेले वालों से कहा गया कि कुछ दिन अपने परिवार को दूध का आनंद दिलाएं। दूध बाजार में देंगे नहीं तभी हड़ताल को पूरा समर्थन मिल सकेगा। उधर रालोद प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर भी संगठन के साथ गांव-गांव घूमकर किसानों को हड़ताल के लिए लामबंद कर रहे हैं। वे किसानों को बता रहे है कि मौजूदा सरकार में किसानों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हो रहा है। उनसे झूठे वादे किए जा रहे हैं। उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। इसलिए आंदोलन कर सरकार से अपना हक लेने को आगे आना होगा। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष मोहन सिंह चाहर का कहना है कि किसानों को गेहूं खरीद केंद्र से बैरंग लौटाया जा रहा है। राहत राशि किसानों को मिल नहीं रही है, जबकि शासन ने जारी कर दी है। किसान आंदोलन को मजबूर हो रहा है।