CoronaVirus in Agra: मरीजों को भर्ती कराने के लिए कस्बों और छोटे शहरों की ओर दौड़ रहे तीमारदार
CoronaVirus in Agra शहर में कोरोना संक्रमितों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे। ऐसे में तीमारदार अपने मरीजों को भर्ती कराने के लिए छोटे कस्बे और शहरों की ओर दौड़ रहे हैं। आक्सीजन के लिए लग रही है ये दौड़।
आगरा, जागरण संवाददाता। अलबतिया रोड निवासी सुधीर साेलंकी अपने कोरोना संक्रमित पिता को भर्ती कराने के लिए शहर के अस्पताल दर अस्पताल भटके। जब कहीं, उनको बेड उपलब्ध नहीं हो पाया तो पिता की बिगड़ती हालात देख वह उन्हें सैफई ले गए। तीन दिन पहले उन्हें वहीं भर्ती कराया। अब उनकी हालत में सुधार है। दयालबाग निवासी सौरभ गुप्ता को भी अपनी मां के लिए आगरा में बेड नहीं मिला। वह कोरोना संक्रमित थीं। दो दिन पहले वह उन्हें फिरोजाबाद ले गए थे। वह एक निजी अस्पताल ने उन्हें भर्ती तो कर लिया लेकिन उपचार नहीं दे पाया। आखिरकार सौरभ की मां की मृत्यु हो गई।
एक-दो नहीं बल्कि ऐसे कई मामले हैं। शहर में कोरोना संक्रमितों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे। ऐसे में तीमारदार अपने मरीजों को भर्ती कराने के लिए छोटे कस्बे और शहरों की ओर दौड़ रहे हैं। दरअसल, कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार के साथ-साथ सबसे ज्यादा आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। शहर के अधिकांश अस्पतालों ने आक्सीजन के नाम पर हाथ खड़े कर दिए हैं। कोई भी तीमारदार बिना किसी सिफारिश के अपने मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचता है तो अस्पताल के गेट से ही लौटा दिया जाता है। यह कहकर कि अस्पताल में आक्सीजन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हम मरीज को भर्ती करके क्या करेंगे। अधिकांश अस्पतालों पर यही जवाब सुनने के बाद तीमारदार अपने मरीजों को बचाने के लिए कस्बे और छोटे शहरों की ओर दौड़ रहे हैं। फिरोजाबाद, सैफई, शिकोहाबाद, इटावा आदि जगहों पर अपने मरीजों को ले जा रहे हैं। इस आस में कि कम से कम यहां आक्सीजन तो उपलब्ध हो जाएगी।