नगर निगम फेल, चल रहा फर्जी ड्राइवरों का खेल, जनता की जान खतरे में
नगर निगम में फर्जी ड्राइवरों का खेल चल रहा है। बड़ी संख्या में ड्राइवर दो से तीन सेवादार रखे हुए हैं, जो सरकार पर तो बोझ बन ही रहे हैं जनता की जान पर भी भारी पड़ रहे हैं।
आगरा: नगर निगम में फर्जी ड्राइवरों का खेल चल रहा है। बड़ी संख्या में ड्राइवर दो से तीन सेवादार रखे हुए हैं। कई फर्जी ड्राइवरों के पास व्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं है। इसकी जानकारी निगम के विद्युत एवं यांत्रिक विभाग के अफसरों को है, लेकिन ठोस कार्रवाई के बजाय उन्होंने चुप्पी साध रखी है।
आगरा शहर से हर दिन आठ सौ मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। जो कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में पहुंचता है। इसके लिए 100 वाहनों का प्रयोग किया जाता है। निगम में दो सौ के करीब ड्राइवर हैं। हर ड्राइवर दो से तीन फेरे लगाता है। पिछले दिनों ड्राइवरों द्वारा कई हादसे हुए। अपर नगरायुक्त विजय कुमार और सहायक नगरायुक्त अनुपम शुक्ला ने मामले की जांच की। कुबेरपुर में अफसरों ने 10 कूड़ा गाड़ियों को चेक किया जिसमें तीन ड्राइवर फर्जी निकले। निगम में और भी फर्जी ड्राइवरों के होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जांच नगरायुक्त को भेज दी गई है। बेटे या रिश्तेदार को लगाया
बिना किसी आदेश के बड़ी संख्या में ड्राइवरों ने अपने बेटे या रिश्तेदार को स्टेय¨रग थमा दी है। जो नियमानुसार गलत है। ये है जांच रिपोर्ट
- कूड़ा गाड़ी पर ड्राइवर का नाम देवराज अंकित था, मोबाइल नंबर भी लिखा था। जबकि गाड़ी उसका बेटा चला रहा था।
- कूड़ा गाड़ी पर ड्राइवर का नाम जब्बर खां अंकित था। गाड़ी को जितेंद्र सिंह द्वारा चलाया जा रहा था।
- गाड़ी पर राहुल कुमार का नाम और मोबाइल नंबर अंकित था। गाड़ी रामू चला रहा था।