Scholarship: फंसे रह गए विदेशी छात्रों को मिलेगी दो महीने की Extra छात्रवृत्ति
लॉक डाउन के कारण उठाया गया है कदम। केंहिंसं में लगातार जारी है अपने घर लौटने का सिलसिला। 46 विदेशी और लगभग 55 भारतीय विद्यार्थी हैं अभी छात्रावास में।
आगरा, प्रभजोत कौर। केंद्रीय हिंदी संस्थान से विदेशी और देशी विद्यार्थियों के अपने घर, अपने वतन लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। संस्थान द्वारा विद्यार्थियों के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में संस्थान द्वारा एक अनूठा कदम उठाया गया है। संस्थान के छात्रावास में रह रहे विदेशी विद्यार्थियों को मई और जून माह की छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। नियमानुसार अप्रैल माह तक ही छात्रवृत्ति दी जाती है।
केंहिंसं में 28 देशों के 88 विदेशी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। लॉक डाउन के बाद देश की सीमाएं सील होने के कारण विदेशी विद्यार्थी अपने देश वापस नहीं लौट पाए। कुछ देशों ने विशेष विमान भेजकर भारत में रहने वाले अपने विद्यार्थियों और निवासियों को वापस बुलाया। संस्थान से सबसे पहले जापान, फिर पौलेंड, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका आदि देशों के विद्यार्थी अपने देश वापस लौटे। 15 दिन पहले रेल यातायात भी शुरू कर दिया गया है। इसके बाद पशि्चम बंगाल, ओडिशा आदि राज्यों के विद्यार्थी भी अपने राज्य लौट गए।
अभी भी छात्रावास में हैं विद्यार्थी
संस्थान के छात्रावास में अभी भी लगभग 46 विदेशी विद्यार्थी और लगभग 55 देशी विद्यार्थी रह रहे हैं।लगभग 40 विदेशी और 150 देशी विद्यार्थी अपने घर लौट चुके हैं। मई के अंत तक देसी विद्यार्थी अपने घर लौट जाएंगे।
दी जा रही है छात्रवृत्ति
संस्थान के निदेशक प्रो. नंदकिशोर पांडेय ने बताया कि अप्रैल में ही विदेशी विद्यार्थियों का सेशन खत्म हो चुका है।नियमानुसार अप्रैल तक ही छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है। लेकिन लॉक डाउन के कारण अपने देश ना लौट पाने वाले विद्यार्थियों को मई और जून की छात्रवृत्ति दी जाएगी। हर महीने छह हजार रूपये छात्रवृत्ति के रूप में दिए जाते हैं।
कमरों में लगा दिए गए हैं कूलर
लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए छात्रावास के हर कमरे में कूलर लगा दिए गए हैं।हर विद्यार्थी के लिए मेस में खाना बनाया जा रहा है। जो विदेशी विद्यार्थी अपने देश लौट रहे हैं, उन्हें कहा जा रहा है कि वो पहले टिकट खरीद लें, उन्हें पैसे संस्थान द्वारा वापस कर दिए जाएंगे।जैसे-जैसे देशों के द्वारा विमान भेजे जाएंगे, संस्थान द्वारा विद्यार्थियों को कार से एयरपोर्ट भेज दिया जाएगा।
अपने देश में की थी शिकायत
त्रिनिडाड और टौबेको के लगभग छह विद्यार्थी संस्थान में हैं। वे अपने देश वापस लौटना चाहते हैं, इस वजह से उन्होंने संस्थान में सुविधाएं ना मिलने का आरोप लगाया और अपने देश में शिकायत भी की। वे बाहर से खाना मंगाना चाहते थे, संस्थान से बाहर निकलना चाहते थे। लेकिन कोरोना के कारण संस्थान में सख्ती की गई थी। संस्थान में अब बाहर से खाद्य पदार्थ मंगाने की अनुमति दी गई है। संस्थान के निदेशक का कहना है कि छह विद्यार्थियों के कारण मैं पूरे संस्थान में संक्रमण नही फैला सकता। मुझ पर 28 देशों के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी थी। हमारी त्रिनिडाड व टौबेको के दूतावास से बात हो गई है, उन्होंने विद्यार्थियों से कहा है कि अभी विमान भेजना मुमकिन नहीं है,क्योंकि दूरी ज्यादा होने के कारण विमानों को बीच में ब्रेक लेना होता है। लंदन और अन्य देशों में अभी दूसरे देशों के विमान आने की इजाजत नहीं है, इसलिए शांतिपूर्वक संस्थान में ही रहें।