Community Toilets: आगरा में सात ग्राम पंचायतों में नहीं बन सके सामुदायिक शौचालय, अब जमीन चिह्नित करने की कवायद
घर-घर शौचालय बनाने के बाद स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब गांव-गांव सामुदायिक शाैचालय बनाए जा रहे हैं। आगरा की 690 ग्राम पंचायतों में भी इनका निर्माण होना है। यह अभियान पिछले साल शुरू हुआ था। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण शुरू हो पाता उससे पहले ही लाकडाउन हो गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। सात ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए अब तक जमीन चिह्नित नहीं हो पाई है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच पूरी कवायद रुक गई है। इसके चलते इन ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
घर-घर शौचालय बनाने के बाद स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब गांव-गांव सामुदायिक शाैचालय बनाए जा रहे हैं। आगरा की 690 ग्राम पंचायतों में भी इनका निर्माण होना है। यह अभियान पिछले साल के शुरुआत में शुरू हुआ था। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण शुरू हो पाता, उससे पहले ही लाकडाउन हो गया। अनलाक प्रक्रिया में इस पर काम शुरू हुआ। मगर, अब तक बिचपुरी ब्लाक की तीन, पिनाहट व एत्मादपुर ब्लाक की एक-एक तथा फतेहाबाद की दो ग्राम पंचायतों में अब जमीन नहीं मिल सकी है। बता दें कि बीते 25 दिसंबर को ग्राम प्रधान, 13 जनवरी को जिला पंचायत और 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की तरफ पर ब्रेक लग गया है। हालांकि जिला पंचायत की कमान डीएम, ब्लाकों की कमान संबंधित एसडीएम और ग्राम पंचायतों की कमान सहायक विकास अधिकारियों को दी गई है। ये सभी प्रशासक के तौर पर सिर्फ कागजी कामकाज ही निपटा रहे हैं। विकास से संबंधित कार्य लगभग ठप हैं। ऐसे में सामुदायिक शौचायल निर्माण पर भी कवायद नहीं हो पा रही। जिले की 683 ग्राम पंचायतों में जमीन चिह्नित कर ली गई थी। 676 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा हो गया है।