पूर्व मंत्री चौधरी बशीर 12 को कर सकते हैं समर्पण, जानेें क्या है पूरा मामला
मेरठ की विजिलेंस कोर्ट में 12 फरवरी पड़ी तारीख। विधायक निधि से स्कूलों को दी थी एक करोड़ 41 लाख छात्रवृत्ति।
आगरा, जागरण संवाददाता। भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित पूर्व मंत्री चौधरी बशीर 12 फरवरी को मेरठ की विजिलेंस कोर्ट में समर्पण कर सकते हैं। उनके खिलाफ दस वर्ष पहले विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के आरोप में ताजगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें पूर्व विधायक और उनके भाई समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ विजिलेंस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
ये है मामला
पूर्व मंत्री चौधरी बशीर पर बसपा सरकार के दौरान विधायक निधि से आधा दर्जन से अधिक स्कूलों को एक करोड़ 41 लाख रुपये दिए थे। घोटाले की शिकायत शासन से करने पर उसने विजिलेंस से जांच कराई। इसमें जिन स्कूलों को विधायक निधि से अनुदान देना दिखाया गया था। इनमें कुछ स्कूल कागजों में थे। जबकि कुछ स्कूलों में लोग घर बनाकर रह रहे थे। भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए जाने पर विजिलेंस ने वर्ष 2009 में ताजगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
सात आरोपितों में छह जा चुके जेल
विजिलेंस ने पूर्व मंत्री समेत सात आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें पूर्व मंत्री के भाई नसीर समेत छह आरोपित जेल जाकर जमानत भी पा चुके हैं।
दो आरोपितों की मौत
भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाकर जमानत पर बाहर आए दो आरोपितों की मौत हो चुकी है। इनमें एक पूर्व मंत्री के भाई और दूसरा आरोपित राठौर था।
सीडीओ समेत कई पर हो चुकी विभागीय कार्रवाई
विजिलेंस जांच में तत्कालीन सीडीओ समेत विकास भवन के कई अधिकारियों की मिलीभगत पायी गई थी। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई को लिखा गया था। इनमें तत्कालीन सांख्यिकी अधिकारी मुस्तकीम और सहायक अभियंता मकसूद अहमद भी जेल जा चुके हैं।