Move to Jagran APP

कागजों में ही बन रहे सारे प्लान, यहां तो हर बढ़ रहा वायु प्रदूषण

आगरा में वर्ष 2018 में पीएम10 218.76 दर्ज किया गया जो मानक के तीन गुना से भी अधिक है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 03:01 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 03:01 PM (IST)
कागजों में ही बन रहे सारे प्लान, यहां तो हर बढ़ रहा वायु प्रदूषण
कागजों में ही बन रहे सारे प्लान, यहां तो हर बढ़ रहा वायु प्रदूषण

आगरा, जागरण संवाददाता। वायु प्रदूषण की रोकथाम को कागजी प्लान तो खूब बन रहे हैं, लेकिन उन पर अमल कराने पर सरकारी विभागों का कोई ध्यान नहीं है। इसी का परिणाम है कि पूर्व के वर्ष की अपेक्षा वायु प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई है। यह स्थिति उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की रिपोर्ट के आधार पर सामने आई है।

loksabha election banner

वायु प्रदूषण की समस्या से आज दुनिया परेशान है। यहां तो वायु प्रदूषण के वार से सिसकते ताज को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के 30 दिसंबर, 1996 के आदेश पर ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) तक बनवा दिया। इसके बाद भी वायु प्रदूषण में काई खास सुधार नहीं हो सका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम को कई विभागों के लिए शॉर्ट और लांग टर्म प्लान तैयार किया था। विभागों ने इन पर भी ठीक से अमल नहीं किया। दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने देश के 102 ऐसे शहरों के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे, जिनमें पीएम10 निर्धारित मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक है। इनमें उत्तर प्रदेश के 15 शहर भी शामिल है। आगरा में वर्ष 2018 में पीएम10 218.76 दर्ज किया गया, जो मानक के तीन गुना से भी अधिक है। इसके चलते यहां के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इसमें विभागों के लिए शॉर्ट और लांग टर्म लक्ष्य तय किए गए हैं।

एक्शन प्लान में इन पर दिया जोर

-पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन व चार्जिंग स्टेशन की स्थापना।

-बड़े वाहनों को शहर के बाहर से ही निकालने को रोड बनाना।

-मल्टीलेवल पार्किंग की स्थापना।

-प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई।

-वायु प्रदूषण की रोकथाम को जनता को जागरूक करने वाले कार्यक्रम करना।

-इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिस्टम, जिससे कि जाम की समस्या कम हो।

-शहर के मास्टर प्लान में 33 फीसद हरित क्षेत्र बनाना।

-ट्रैफिक वाले स्थानों पर फव्वारे लगाना।

-दीवार से दीवार तक सड़क का निर्माण, जिससे धूल न उड़े।

आगरा में प्रदूषण के स्रोत

रिपोर्ट में आगरा में प्रदूषण के लिए वाहन, रोड डस्ट, डोमेस्टिक कुकिंग, इंडस्ट्री, कूड़ा-करकट जलना और कृषि अपशिष्टों के जलने को जिम्मेदार माना गया है।

पिछले दो वर्षों में आगरा में वायु प्रदूषण की स्थिति

प्रदूषक तत्व, वर्ष 2017, वर्ष 2018

पीएम10, 186.10, 218.76

एसओ2, 7.00, 5.30

एनओ2, 14.75, 21.87

नोट: यह मात्रा माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में है।

मात्रक

पीएम10: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

एसओ2: 50 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

एनओ2: 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।

वर्ष 2018 में प्रदूषक तत्वों की स्थिति

प्रदूषक तत्व, मात्रा (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में)

कार्बन: 1.19

ओजोन: 25

एनओ2: 53.50

एसओ2: 14.4

पीएम2.5: 113

बेंजीन: 1.46

टोल्यून: 4.12

जाइलीन: 2.82

मॉनीटरिंग स्टेशन पर एक्यूआइ की स्थिति

बोदला

वर्ष, एक्यूआइ

2013, 184.1

2014, 190.8

2015, 182

2016, 170.1

2017, 174.4

2018, 195.84

नुनिहाई

वर्ष, एक्यूआइ

2013, 216.4

2014, 229.1

2015, 218

2016, 229.8

2017, 220

2018, 241.67

मानक: एक्यूआइ का वार्षिक औसत 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से नहीं होना चाहिए। 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.