ताजमहल पर बदली प्रवेश व्यवस्था, मुख्य मकबरा तक पहुंचने को रखना होगा इस बात का ध्यान
टर्न स्टाइल गेट का चल रहा है ट्रायल मैग्नेटिक क्वाइन अभी नहीं हुए हैं शुरू। मैग्नेटिक क्वाइन के साथ पर्यटकों को रसीद देगा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण।
आगरा, जागरण संवाददाता। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताज में टर्न स्टाइल गेट का ट्रायल शुरू हो गया है। उम्मीद है कि एक-दो दिन में स्मारक पर मैग्नेटिक क्वाइन की शुरुआत हो जाएगी। मुख्य मकबरे पर प्रवेश के लिए अलग से शुल्क लिया जाता है। इसकी रसीद पर्यटकों को मैग्नेटिक क्वाइन के साथ टिकट विंडो से ही दी जाएगी।
ताजमहल पर करीब एक वर्ष के इंतजार के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) टर्न स्टाइल गेट का ट्रायल कर रहा है। अभी स्मारक पर मैग्नेटिक क्वाइन की शुरुआत नहीं हुई है। टिकट को ही कर्मचारी स्कैन कर रहे हैं। मैग्नेटिक क्वाइन की शुरुआत के बाद टर्न स्टाइल गेट पर पर्यटकों को उसे स्कैन करना होगा। मुख्य मकबरे पर भीड़ प्रबंधन की वजह से 200 रुपये का टिकट अलग से लगता है। एएसआइ चमेली फर्श पर टर्न स्टाइल गेट नहीं लगा सकता। इसके चलते एएसआइ ने मैग्नेटिक क्वाइन के साथ 200 रुपये की रसीद देने का निर्णय किया है। चमेली फर्श पर इसे दिखाने के बाद पर्यटक मुख्य मकबरे पर जा सकेंगे।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि पर्यटकों को मैग्नेटिक क्वाइन के साथ मुख्य मकबरे पर जाने के लिए रसीद भी दी जाएगी।
चार रंग के होंगे मैग्नेटिक क्वाइन
एक वर्ष पूर्व ताज पर टर्न स्टाइल गेट की शुरुआत के लिए चार रंग के क्वाइन आए थे। 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए जीरो वेल्यू का पीले रंग का क्वाइन है। भारतीयों के लिए नीला, विदेशियों के लिए हरा और सार्क व बिम्सटेक देशों के लिए ग्रे रंग के क्वाइन हैं।
पर्यटकों को हुई सुविधा
स्मारक के बाहर सुरक्षा जांच व टिकट चेकिंग होने से पर्यटकों को सुविधा हो गई है। दोनों गेटों पर सात-सात टर्न स्टाइल गेट और डोर फ्रेम मैटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) लगाए गए हैं। इससे भीड़ उमडऩे पर पर्यटकों को इंतजार नहीं करना होगा।
तीन घंटे से अधिक रुकने पर लेना होगा दोबारा टिकट
टर्न स्टाइल गेट पर मैग्नेटिक क्वाइन की शुरुआत के साथ ही पर्यटक स्मारक में तीन घंटे से अधिक नहीं रुक सकेंगे। इससे अधिक समय रुकने पर पर्यटकों के लौटते वक्त क्वाइन स्कैन करने पर टर्न स्टाइल गेट नहीं खुलेगा। पर्यटकों को दोबारा टिकट लेना होगा। इसके लिए स्मारक के अंदर दोनों गेटों पर टिकट काउंटर पूर्व में ही बनाए जा चुके हैं।
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