1400 करोड़ के मूर्ति घोटाले की जांच में घिरे एडीए के अधीक्षण अभियंता Agra News
बसपा शासनकाल में हुआ था यह चर्चित घोटाला। एलडीए में मुख्य अभियंता सिविल के पद पर थे तैनात। सतर्कता अधिष्ठान ने बयान दर्ज कराने के लिए चार दिन की दी मोहलत।
आगरा, जागरण संवाददाता। मूर्ति घोटाले की जांच रफ्तार पकड़ रही है। घोटाले में अधीक्षण अभियंता, एडीए त्रिलोकी नाथ भी घिर गए हैं। सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने दो बार बयान दर्ज कराने की तारीख दी गई लेकिन वह नहीं पहुंचे। अब चार दिनों के भीतर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। इसकी जानकारी एडीए उपाध्यक्ष शुभ्रा सक्सेना को दी गई है।
बसपा शासनकाल में वर्ष 2007 से 2011 के बीच लखनऊ, नोएडा में मूर्ति घोटाला हुआ था। इसकी जांच तत्कालीन लोकायुक्त एनके मेहरोत्र ने की थी। यह घोटाला 1400 करोड़ रुपये का था। इस पर उप्र राज्य सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में मुकदमा दर्ज किया था। 199 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस अवधि में त्रिलोकी नाथ लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में मुख्य अभियंता, सिविल के पद पर तैनात थे। आठ माह पूर्व उनकी तैनाती एडीए में अधीक्षण अभियंता पद पर हुई थी। तब से यहीं पर तैनात हैं। विजिलेंस ने अधीक्षण अभियंता को 24 जुलाई और 19 अगस्त को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। उक्त दोनों ही तारीखों में वह नहीं पहुंचे। न पहुंचने की वजह क्या है। इसकी कोई जानकारी दी गई।
कोर्ट के आदेश पर डिमोशन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोटे से प्रमोशन होने वाले अफसरों का डिमोशन हुआ है जिसमें त्रिलोकी नाथ भी शामिल हैं।