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फतेहपुर सीकरी के खानकाह और खताईखाना पर कब्जा

फतेहपुर सीकरी के खानकाह और खताईखाना पर कब्जा

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:07 AM (IST)
फतेहपुर सीकरी के खानकाह और खताईखाना पर कब्जा
फतेहपुर सीकरी के खानकाह और खताईखाना पर कब्जा

आगरा,जागरण संवाददाता। विश्व धरोहर सप्ताह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) धरोहरों को संरक्षित रखने का संदेश लोगों को दे रहा है, लेकिन वो स्वयं धरोहरों को संरक्षित नहीं रख पा रहा। विश्व धरोहरों समेत राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों व स्थलों पर कब्जे हो चुके हैं। इसके चलते ऐसे स्मारकों के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो रहा है।

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एएसआइ द्वारा 19 से 25 नवंबर तक मनाए जाने वाले विश्व धरोहर सप्ताह की शुरुआत मंगलवार को सिकंदरा से हो गई। इसमें धरोहरों को संरक्षित रखने का संदेश देने के साथ ही भावी पीढ़ी को अवगत कराने पर जोर दिया गया। एएसआइ ने धरोहरों के संरक्षण का संदेश तो दिया, लेकिन उसके द्वारा संरक्षित 15 स्थल कब्जे होने से अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहे हैं। फतेहपुर सीकरी में तो कब्जे के चलते खताईखाना का अस्तित्व ही मिट गया है। जामा मस्जिद में लोकल इस्लामिया एजेंसी ने बाहर की तरफ बनी कोठरियों को वर्षो से दुकानदारों को किराये पर उठा रखा है। कई दुकानदारों ने तो कोठरियों में अपने हिसाब से निर्माण करा डाले हैं। एएसआइ उनके खिलाफ कुछ नहीं कर पा रहा है। जामा मस्जिद स्थित दुकानों में लगी थी आग

17 मई की रात जामा मस्जिद की दक्षिण-पूर्व दिशा में बनी बुर्जी के पास अवैध निर्माण कर बनाई गई दुकानों में आग लग गई थी। इससे जामा मस्जिद की दीवारें काली पड़ गई थीं। अंदर बनी कोठरियों को नुकसान पहुंचा था, मगर दुकानदारों द्वारा ताला लगाए जाने से नुकसान का आकलन नहीं हो सका था। रातोंरात दुकानदारों ने धुलाई और पेंट कराकर आग के निशान मिटा दिए थे। एएसआइ ने प्रशासन को जामा मस्जिद को संरक्षित रखने के लिए दुकानों को हटाए जाने की आवश्यकता बताई थी, मगर इस दिशा में कुछ खास नहीं हो सका। इन स्थलों व स्मारकों पर है कब्जा

-फतेहपुर सीकरी में खानकाह की 2835 वर्ग मीटर जगह

-फतेहपुर सीकरी में खताईखाना की 884 वर्ग मीटर जगह

-फतेहपुर सीकरी में लाल दरवाजा के निकट 4840 वर्ग मीटर जगह

-जगनेर किले की 5875 वर्ग मीटर जगह

-जामा मस्जिद की दो हजार वर्ग मीटर जगह

-महाबत खान की बेटी का मकबरे पर 250 वर्ग मीटर जगह

-जाजऊ की सराय में मस्जिद और दो गेटवे

-एत्मादपुर में बुढि़या का ताल

-एत्मादपुर में जामा मस्जिद

-मथुरा में कंकाली टीला

-मथुरा में कोटा माउंड

-इटावा में गेटवे और सराय इकदिल

-फर्रुखाबाद के खुदागंज में मस्जिद और सराय

-कन्नौज में पुराने किले का टीला

-बागपत में लाखा मंडप।

'विभाग द्वारा संरक्षित घोषित की गई 15 साइट्स पर कब्जे हैं। कब्जे हटवाने की प्रोसेस चल रही है। कुछ मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, जबकि कुछ प्रशासन के यहां लंबित हैं।'

-वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्वविद


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